पटना: भाकपा माले के वरिष्ठ नेता उमरदराज की 92 वर्ष में निधन हो गया. उनके निधन पर भाकपा माले ने शोक संवेदना व्यक्त की है. भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि इस दुख की घड़ी में ईश्वर उनके परिवार को शक्ति प्रदान करें. उन्होंने बताया कि उमरदराज पटना जिले के पीटा प्रखंड के रहने वाले थे. शुरुआती दिनों में ही वे भाकपा माले के साथ जुड़े गए थे. बाद में उमरदराज ने रेलवे की नौकरी की तो वे यूनियन की गतिविधियों में सक्रिय हुए.
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वाम विचारधारा के गहरे अध्येता थे उमरदराज
उमरदराज को याद करते हुए कुणाल बताते हैं कि यूनियन गतिविधियों में सक्रिय रहने के कारण उन्हें कई सालों तक सस्पेंड भी रहना पड़ा था. उसके बाद उन्हें नौकरी से रिमूव कर दिया गया. उन्होंने कहा कि उमरदराज अंग्रेजी और उर्दू की बेहतर समझ रखने वाले मृदुभाषी व्यक्ति थे. उन्होंने 1958 में लॉ ग्रेजुएट की डिग्री भी हासिल की थी. वे कम्युनिस्ट विचारधारा के गहरे अध्येता थे. उनके कई लेख ऊर्दू अखबारों में प्रकाशित होते थे.
सीपीआई नेता ने जताई संवेदना कुणाल ने कहा कि उनके जाने से पूरे भाकपा माले परिवार को गहरी क्षति हुई है. माले राज्य कमेटी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है.