शिक्षक संघर्ष मोर्चा के साथ भाकपा माले की बैठक पटना:बिहार में शिक्षक बहाली के लिए बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा होने वाली है. इस परीक्षा में शिक्षक अभ्यर्थी के साथ-साथ नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा पाने के लिए शामिल होना है. शिक्षा विभाग के इस निर्णय के विरोध में 11 जुलाई को पटना में शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन होगा. इसी के मद्देनजर भाकपा माले विधायक संदीप सौरभ ने पार्टी विधायक सत्यदेव राम के विधायक आवास में बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा की बैठक आयोजित की.
ये भी पढ़ें :Bihar Teacher Recruitment : इस बार मानसून सत्र होगा हंगामेदार! शिक्षकों के समर्थन में आवाज उठाएंगे वामदल
शिक्षकों के साथ है भाकपा माले : ऐसे में मानसून सत्र की पूर्व संध्या हो रही बैठक में कई शिक्षक संगठन मौजूद रहे. बैठक के बाद संदीप सौरभ ने कहा कि भाकपा माले शिक्षकों की मांग पर शिक्षकों के साथ है. उन्होंने कहा कि भाकपा माले नई शिक्षक नियमावली जब से आई है. तभी से उसके कई प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं. इसमें नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी के लिए परीक्षा देने की बाध्यता भी शामिल है. सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना चाहती है, तो वह इसके साथ हैं. लेकिन गुणवत्ता बढ़ाने का तरीका अलग होना चाहिए.
"सरकार को प्रस्ताव भेजने का मतलब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन्होंने प्रस्ताव भेजा था कि किस प्रकार शिक्षा के स्तर को सुधारा जा सकता है. इसके लिए शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए परीक्षा थोपने के बजाए केरल और दिल्ली की तर्ज पर शिक्षकों का अलग-अलग समय पर प्रशिक्षण शिविर चलाया जाए. लेकिन सरकार की मंशा साफ नजर आ रही है कि वह शिक्षकों को परीक्षा में बैठाना चाहती है" - संदीप सौरभ, विधायक, भाकपा माले
कमजोर होगा शिक्षकों का मनोबल : संदीप ने कहा कि गुणवत्ता बढ़ाने के लिए वर्षों से कार्यरत नियोजित शिक्षकों पर परीक्षा थोप देना गलत है. इससे विद्यालय में शिक्षकों के कई गुट बन जाएंगे, जो परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे उन्हें भी सीनियरिटी का कोई लाभ नहीं मिलेगा. वहीं परीक्षा में फेल करेंगे वह भी शिक्षक बने रहेंगे. ऐसे में शिक्षकों का मनोबल कमजोर होगा और विद्यालय का शैक्षणिक स्तर गिरेगा. संदीप ने कहा कि उन लोगों ने पार्टी की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा था.
सदन में उठाया जाएगा मामला : माले विधायक ने कहा कि सदन में भी शिक्षकों के मुद्दे को वे लोग पुरजोर तरीके से उठाएंगे. अब तक उनके पास 100 से अधिक विधायक और विधान पार्षदों का शिक्षकों की मांगों के समर्थन में पत्र मिल चुका है. आने वाले दो-तीन दिनों में यह संख्या और भी बहुत अधिक बढ़ेगी. विधानसभा सत्र के दौरान ही विधायकों और विधान पार्षदों से शिक्षकों के मांगों के समर्थन में जो समर्थन पत्र मिलेगा. सभी को ले जाकर वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपेंगे.