पटना: गायघाट शेल्टर होम के मामले पर भाकपा माले का कड़ा तेवर (Gaighat Shelter Home Case) सामने आया है. पूरे मामले में भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने सरकार पर गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पीड़िता के आरोप के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. पीड़िता से बात किए बिना, बातों को रिकॉर्ड किए बिना, बिना एफआईआर के ही समाज कल्याण विभाग के निदेशक ने जांच कर ली. आरोप को बेबुनियाद भी ठहरा दिया. हाईकोर्ट के संज्ञान का उन्होंने स्वागत भी किया है. साथ ही जांच की मांग (CPI Male State Secretary Demand Investigation) की है.
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भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के जितने भी प्रदेश में आश्रय गृह हैं, सभी जगह माहौल जेल जैसा बना हुआ है. सरकार के अनुसार अगर वह सुधार गृह है तो इसे सुधार गृह के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए. समाज कल्याण विभाग के सभी आश्रय गृह को इस प्रकार रखा गया है कि वह पूरी तरह बंद है. एकतरफा सिर्फ सरकार की देखरेख में है. अगर कुछ गड़बड़ी होती भी रहती है, तो समय पर कुछ पता नहीं चल पाता. ऐसे में भाकपा माले की सरकार से मांग है कि जितने भी समाज कल्याण विभाग के आश्रय गृह हैं, वहां स्थानीय स्तर की सामाजिक कार्यकर्ता, महिला संगठनों के सहज आने जाने की अनुमति दी जाए, ताकि वहां अगर कुछ गड़बड़ी हो तो समय पर पता चले और उसपर रोक लगाई जा सके.