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दुविधा में फंसी CPI.. उपचुनाव में RJD के साथ या फिर कांग्रेस का थामेगी हाथ.. 10 अक्टूबर को फैसला

बिहार विधानसभा उपचुनाव के लिए दोनों सीटों पर राजद और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इस बारे में सीपीआई 10 अक्टूबर को बैठक कर निर्णय लेगी कि किसे समर्थन देना है. पढ़ें रिपोर्ट...

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Published : Oct 8, 2021, 6:10 PM IST

सीपीआई
सीपीआई

पटना: बिहार विधानसभा के दो सीट तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर विधानसभा के उपचुनाव (By-Election) होने हैं. ऐसे में इस बार उपचुनाव में बिहार में महागठबंधन के घटक दल राजद और कांग्रेस ने दोनों सीट पर अपने-अपने दावेदार उतारे हैं. इसके बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के पास अब संशय की स्थिति बन गई है कि वह कांग्रेस और राजद में से इस बार किसे अपना समर्थन देगी.

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'सीपीआई महागठबंधन का अभिनेता है. देश में अभी के समय जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है, ऐसे समय में महागठबंधन को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए था. हाल के दिनों में महागठबंधन में जो खटपट की स्थिति पैदा हुई है और इससे जो चीजें सामने आई हैं, उस पर सीपीआई की राज्य कार्यकारिणी की 10 अक्टूबर को बैठक बुलाई गई है. हम यह समझते हैं कि यह सब कुछ होना नहीं चाहिए था. लेकिन जब हो ही गया है और राजद और कांग्रेस दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रही है. ऐसे में 10 अक्टूबर को राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला लिया जाएगा कि सीपीआई किसे अपना समर्थन देगी.'-रामबाबू कुमार, सदस्य राज्य कार्यकारिणी, सीपीआई

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विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस व राजद के अलग-अलग लड़ने पर तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनके बीच यह फ्रेंडली फाइट है. इस पर सीपीआई के राज्य कार्यकारिणी के सदस्य रामबाबू कुमार ने कहा कि यह तेजस्वी और कांग्रेस के बीच का मामला है. वह यह नहीं कह सकते कि यह फ्रेंडली फाइट है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से कांग्रेस और राज्य दोनों मिलकर चुनाव लड़ते तो इसका फायदा होता. दोनों अलग-अलग लड़ रहे हैं, तो निश्चित ही महागठबंधन के नजरिए से इससे थोड़ा नुकसान होगा.

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