पटना: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है. प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां काफी बढ़ गई है. आरजेडी ने बेरोजगारी को अपना चुनावी मुद्दा बना लिया है. महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ रहे वाम दलों का भी चुनावी मुद्दा अलग-अलग है.
पटना: CPI ने विकास और सुशासन तो माले ने प्रवासी मजदूर और रोजगार को बनाया चुनावी मुद्दा - CPI Male leader Dhirendra Jha
महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ रहे वाम दलों का भी चुनावी मुद्दा अलग-अलग है. सीपीआ विकास और सुशासन तो माले प्रवासी मजदूर, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडे ने कहा कि विकास और सुशासन हमारा चुनावी मुद्दा होगा. पूरे बिहार का सर्वांगिक विकास और बदलाव की दिशा में बिहार आगे बढ़े, इस पर हम काम करेंगे. हमारा नारा है गरीबों की है 'यही पुकार, सीपीआई की हो सरकार,. उन्होंने कहा कि बिहार में केवल नाम का सुशासन है. हम सुशासन को जनता का सुशासन बनाएंगे, जो कागज तक सीमित नहीं रहेगा. बल्कि जनता के लिए काम करने वाला सुशासन होगा.
'भूमि सुधार नियम लागू करे सरकार'
वहीं, भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने कहा कि हमारा चुनावी मुद्दा कुछ खास नहीं है. जनता के जिन मुद्दों को लेकर के हम लड़ते आए हैं, संघर्ष कर रहे हैं. वही हमारा चुनावी मुद्दा होगा. हम प्रवासी मजदूरों, छात्रों ,महिलाओं, बेरोजगारों और गरीबों की समस्याओं को लेकर जनता के बीच जाएंगे. नीतीश सरकार गरीबों को शोषण चाहती है जो हम हरगिज नहीं होने देंगे. भूमि सुधार नियम सरकार को लागू करना ही होगा. इसके लिए हम संघर्ष कर रहे हैं और आगे भी करेंगे.