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Govardhan Puja 2023 : गोवर्धन पूजा आज, गाय और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का है विशेष महत्व, जानें क्या है अन्नकूट की पौराणिक कथा

Govardhan Puja In Patna: दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का प्रचलन है, इस दिन को अन्नकूट महोत्सव भी कहते हैं. पूजा को लेकर पटना में भी गौपालकों ने गाय माता को नहलाकर उनकी पूजा की और फिर उन्हें भोग लगाया.

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मसौढ़ी में धूमधाम से मनाई गई गोवर्धन पूजा

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 13, 2023, 1:13 PM IST

पटना: बिहार में दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा की धूम है. कहते हैं कि इसे भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में आरंभ किया था, तब से यह परंपरा चली आ रही है. राजधानी पटना में गोवर्धन पूजा धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. इसको लेकर मसौढ़ी और धनरूआ के ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पशुपालकों ने गायों को नहलाकर उनकी पूजा की.

मसौढ़ी में गौपालको ने मनाया गोवर्धन पूजा :गोवर्धन पूजा को लेकर कई पौराणिक कथाएं भी हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं, उसी प्रकार गाय माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करते हैं. गाय के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जाती हैं. इस दिन गौपालक अपने-अपने घरों में गाय माता को नहलाकर, खीर-पूरी खिलाकर पूजा करते हैं.

अन्नकूट महोत्सव का भी आयोजन:गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट महोत्सव भी मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने बृजवासियों को मूसलाधार बारिश से 7 दिनों तक गोवर्धन को अपनी उंगली पर उठाकर लोगों की रक्षा की थी. उसी दिन से गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की जाती है और भगवान को छप्पन भोग लगाते हैं उसके बाद गाय को खिलाया जाता है.

गोवर्धन पूजा की विधि:गोवर्धन पूजा की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने शरीर पर तेल मलकर स्नान किया जाता है. फिर साफ कपड़े पहनकर लोग अपने इष्ट का ध्यान करते हैं, इसके बाद अपने घर या देवस्थान के मुख्य द्वार के सामने गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसे पेड़, शाखा व फूल आदि से सजाकर पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा को लेकर हर ओर हर्षोल्लास का माहौल है.

"गौवर्धन पूजा खासकर मवेशियों की पूजा है, पूरे देश ये मान्यता है कि जो भी दूध देने वाले जानवर हैं, चाहे वो गाय हो या भैस हो, उनमें लक्ष्मी का वास होता है. आज के दिन जो भी गौ पालक हैं उनको लक्ष्मी मान कर के पूजा की जाती है. उन्हें खीर-पूरी खीलाया जाता है. इसी क्रम में सभी गाय माता की पूजा की गई है."- गिरीश यादव, पशुपालक

"आज अन्नकूट दिवस भी मनाया जाता है. देश में जो नए फसल उपजते हैं, इसकी खुशी को लेकर गोवर्धन पूजा के दिन ही अन्नकूट दिवस भी मनाते हैं."- महेंद्र सिंह, स्थानीय

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