पटना: राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (National Vaccination Day) के मौके पर देशभर में आज (16 मार्च) से 12 साल से ऊपर के बच्चों का कोरोना टीकाकरण अभियान (Children's Corona Vaccination Campaign) शुरू हो रहा है. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी 12 से 14 साल के बच्चों को कोर्बेवैक्स वैक्सीन (Corbevax Vaccine) के वैक्सीनेशन की अनुमति मिली है. लेकिन, प्रदेश में 12 साल से ऊपर के बच्चों का वैक्सीनेशन आज से शुरू होने को लेकर संशय की स्थिति बरकरार है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार यानी की आज से शुरू होने वाले कोविड-19 टीकाकरण के लिए बिहार में 12 से 13 के बच्चों में बालकों की संख्या 14.28 लाख है, जबकि बालिकाओं की संख्या 13.89 है. वहीं, 13 से 14 वर्ष की उम्र में बालकों की संख्या 14.26 है और बालिकाओं की संख्या 13.83 लाख है. राजधानी पटना की बात करें तो यहां पर 12 से 14 वर्ष के बच्चों की संख्या 2.95 लाख है.
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बिहार के सभी जिलों के डीआईओ को दी गई ट्रेनिंग: बिहार में इस नए वैक्सीन के बारे में मंगलवार को राजस्व समिति द्वारा सभी जिलों के डीआईओ को ट्रेनिंग दी गई है. डीआईओ के तरफ से देर शाम जिले के स्वास्थ्यकर्मियों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर बुधवार को वैक्सीनेशन कार्य से जुड़े डाटा एंट्री ऑपरेटर को टेक्निकल ट्रेनिंग दी जाएगी कि कैसे 12 से 14 साल के बच्चों का कोर्बेवैक्स वैक्सीन को लेकर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना है.
अब तक नहीं मिला सरकार का आदेश: बुधवार से देशभर में 12 साल से ऊपर के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है, लेकिन प्रदेश में अभी संशय की स्थिति इसलिए बनी हुई है कि अभी भी जिलों को वैक्सीनेशन शुरू करने के संबंध में अभियान शुरू होने के 15 घंटे पहले भी कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो देशभर में वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है ऐसे में संभव है कि 16 मार्च को प्रदेश में सांकेतिक रूप से 12 साल से ऊपर के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो, लेकिन पूरी मजबूती से यह अभियान होली के बाद शुरू किया जाएगा. संभव है कि प्रदेश में बिहार दिवस के मौके पर इस अभियान को विधिवत रूप से मजबूती से शुरू किया जाए.
लोगों को किया जाएगा जागरूक: स्वास्थ्य विभाग की समस्या अभी के समय यह है कि कोर्बेवैक्स एक नई वैक्सीन है और इस संबंध में लोगों में अधिक जागरूकता नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की बैठक में निचले स्तर के कर्मियों ने विभाग के सामने यह बात रखी है कि इस नई वैक्सीन के बारे में लोगों को वह किस प्रकार जागरूक करेंगे और लोगों के सवाल का वह कैसे जवाब देंगे. इस संबंध में पूर्व से ट्रेनिंग दी जानी चाहिए थी.