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कोरोना जांच के नाम पर मजाक, पटना जंक्शन के गेट नंबर 3 पर महज खानापूर्ति

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Published : Dec 30, 2021, 5:08 PM IST

पटना जंक्शन के गेट नंबर 3 पर कोरोना जांच (Corona Test In Patna Junction) की व्यवस्था की गई है. लेकिन यात्रियों की जांच के नाम पर यह काउंटर महज खानापूर्ति कर रहा है. यात्री बिना टेस्ट कराए आराम से जा रहे हैं, कोई उन्हें रोकने वाला तक नहीं है. पढ़ें ये खबर..

Corona Test In Patna Junction
Corona Test In Patna Junction

पटना: एक तरफ कोरोना ने अपने तीसरे वेवकी (Third Wave Of Corona In Patna) आहट देश के कई राज्यों में दे दी है. कोरोना के नए मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. वहीं पटना रेलवे स्टेशन (Covid Guideline Is Not Followed At Patna Junction) पर कोरोना जांच को लेकर प्रशासन की तरफ से लापरवाही बरती जा रही है. राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर कोविड टेस्ट की व्यवस्था तो की गई है लेकिन, जांच में कोताही बरती जा रही है.

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बता दें कि, महाराष्ट्र और कई राज्यों से प्रतिदिन ट्रेनें बिहार आ रही हैं. हजारों लोग दूसरे प्रदेशों से यहां पहुंच रहे हैं. इस कड़ी में गुरुवार को पटना जंक्शन पर लोकमान्य तिलक गुवाहाटी एक्सप्रेस पहुंची. लेकिन यात्री ट्रेन से उतरकर सीधे चलते बने. इन यात्रियों की कोई जांच नहीं की गई. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां भी उड़ाई गई. यात्रियों ने न तो मास्क लगाया था और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ही करते नजर आए.

कोरोना जांच की सच्चाई

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यहां तक की कोविड-19 के नियम को ताक पर रख यात्री प्लेटफार्म पर घूमते नजर आए. यात्री बिना मास्क के ही रेलवे स्टेशन पर देखे गए. बता दें कि, रेलवे प्रशासन की तरफ से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. यात्रा के दौरान या प्लेटफार्म पर पहुंचने वाले रेलयात्री अगर बिना मास्क के पकड़े जाएंगे तो, उनसे जुर्माना के रूप में 500 रुपया वसूला जाएगा. लेकिन पटना रेलवे स्टेशन में कई यात्री कोरोना प्रोटोकाल के प्रति लापरवाही बरतते नजर आए.

दरअसल पटना जंक्शन के गेट नंबर 3 के मुख्य गेट पर कोविड जांच की व्यवस्था के लिए एक काउंटर लगा हुआ है. लेकिन रेल यात्रियों को रोकने के लिए और जांच में मदद करने के लिए किसी की भी तैनाती नहीं की गई है. इसका नतीजा है कि, यात्रियों की जांच नहीं हो रही और यात्री बिना जांच के ही अपने घरों की ओर रवाना हो गए.

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कुल मिलाकर देखा जाए तो कोविड-19 जांच महज खानापूर्ति बनकर रह गई है. गेट नंबर 3 पर जांच की व्यवस्था है, लेकिन कोई यात्री टेस्ट कराने यहां नहीं पहुंचा. मुश्किल से दिन भर में 10 से 20 यात्रियों की ही यहां जांच हो पाती है क्योंकि रेलवे प्रशासन की तरफ से भी कोविड जांच के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को मदद नहीं मिलती है.

स्टेशन पर कई रेल यात्रियों से बात करने की कोशिश की गई. इस दौरान कई यात्री ऐसे भी थे जिन्होंने मास्क नहीं लगाया था. जब उनसे पूछा गया कि, मास्क क्यों नहीं लगाया है तो, कई यात्री बिना कुछ कहे ही कैमरा देख भाग निकले. ऐसे हालात में कोरोना संक्रमण और नए वेरिएंट ओमीक्रोन का खतरा और अधिक बढ़ गया है. सरकार के आदेश के बावजूद प्रदेशों से आने वाले यात्रियों की जांच शत-प्रतिशत नहीं हो रही है.

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