पटना:पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों की बदहाल स्थिति (poor condition of education in bihar) को काफी गंभीरता से लिया है. इस मामले को लेकर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से सभी कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं के सम्बन्ध पूरी जानकारी मांगी है. इस मामले पर अगली सुनवाई अब 30 नवंबर 2022 को की जाएगी.
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कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब:जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कोर्ट में उपस्थित शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से जानकारी मांगा की राज्य के सरकारी कॉलेजों, सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव क्यों है. कोर्ट ने ये भी पूछा कि राज्य के स्कूलों में बड़ी संख्या में छात्र क्यों पढ़ना छोड़ देते हैं. इसके अलावा कोर्ट ने वहां मौजूद अधिकारी से जानना चाहा कि राज्य में शिक्षा के मद में कितना बजट रखा गया है.
सरकार की तरफ से कोर्ट को मिला जबाव:कोर्ट में उपस्थित शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा के मद में बजट रखे जाने के सवाल पर जबाव देते हुए कोर्ट को बताया कि राज्य में शिक्षा के लिए 51 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. जो कुल बजट के बीस फीसदी से भी ज्यादा है. वहीं सरकार की ओर से बताया गया कि बीएस कॉलेज, दानापुर में बाउंड्री निर्माण का काम छह महीनों में पूरा कर लिया जाएगा और कॉलेज में शौचालय बनाने का काम 30 अक्टूबर 2022 तक पूरा हो जाएगा. साथ ही कोर्ट को बताया गया कि कॉलेज में लेबोरेट्री बनाने का काम तीन माह में पूरा हो जाएगा.
पहले भी कोर्ट कर चुकी है तलब:पिछली सुनवाई में पटना के दानापुर स्थित बीएस कॉलेज में बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कराए जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को तलब किया गया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि कॉलेज में बुनियादी सुविधाएं नहीं होने के कारण छात्राओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जनहित याचिका में छात्राओं के लिए सेनेटरी नैपकिन मुहैया कराने के लिए कॉलेज परिसर में वेंडिंग मशीन लगाए जाने की भी मांग की गई
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