कैमूरः जिले के कुदरा थाना क्षेत्र निवासी सुरेंद्र रस्तोगी और उनकी पत्नी कोकिला अनुराधा कृष्णा रस्तोगी डाक विभाग के एंबेसडर हैं. दोनों पिछले 2 दशक से गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं बिहार सरकार ने विभिन्न जिलों में गांधी पर इनकी प्रदर्शनी भी लगाई थी. 30 जनवरी शहीद दिवस के मौके पर हमारे संवाददाता ने उनसे खास बातचीत की. देखें रिपोर्ट
गांधी बनने की प्रेरणा देते हैं सुरेंद्र रस्तोगी
कैमूर जिले के यह गांधी 2001 से ही लगातार महात्मा गांधी के विचारों को समाज के लोगों के बीच बाट रहे हैं. रंग रूप वेषभूषा और विचार से कैमूर के सुरेंद्र रस्तोगी 20 सालों से गांधी के लिए समर्पित हैं. यही नहीं हर साल के 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर को तिरंगा भी फहराते हैं और आज के इस कल युग में लोगों को गांधी बनने की प्रेरणा देते हैं.
1890 के बाद की सारी घटनाओं का है संग्रह
ईटीवी भारत से हुई एक खास बातचीत में इस दंपत्ति ने बताया कि बापू के सम्मान में 150 देशों के जरिए जारी डाक टिकट, आवरण पत्र और सिक्के समेत गांधी से संबंधित अन्य ऐतिहासिक महत्व की चीजों का वह संग्रह करते हैं. साथ ही कई जिलों में इसकी प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं. उन्होंने बताया कि 1852 से आज तक विभिन्न देशों में गांधी के सम्मान में जारी डाक टिकट को इन्होंने इकट्ठा किया है. साथ ही 1890 के बाद की सारी घटनाओं का भी संग्रह किया है.