पटना:कोरोना महामारी के बीच एक तरफ दुनियाभर में स्वास्थ्य कर्मी जहां कोरोना वॉरियर्स के रूप में लगातार काम कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ उनके साथ मारपीट और हिंसा की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. बिहार में कभी दरभंगा तो कभी नालंदा में हेल्थ वर्कर्स और पुलिस कर्मियों पर हमले हुए. राज्य के प्रबुद्ध जनों ने ईटीवी भारत के माध्यम से कोरोना योद्धाओं पर हमले नहीं करने की अपील की है.
मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारे बंद हैं, खुले हैं तो सिर्फ अस्पताल. पटना का सबसे बड़ा मंदिर हनुमान मंदिर एक महीने से भी ज्यादा समय से बंद है. यहां हर दिन हजारों लोग भगवान के दर्शन के लिए आते थे. हनुमान मंदिर के ठीक बगल में स्थित पटना का सबसे बड़ा मस्जिद जामा मस्जिद है. यह भी लंबे वक्त से बंद पड़ा है. लोग अपने घरों पर नमाज पढ़ रहे हैं. यहीं से कुछ दूर पर गुरुद्वारा और बौद्ध स्तूप भी हैं. यह भी बंद पड़े हैं. क्योंकि इस महामारी ने 'भगवान' को भी कैद में रहने को मजबूर कर दिया है.
भगवान' के रूप में सेवा दे रहे हैं डॉक्टर
कोरोना महामारी के दौर में अस्पताल खुले हैं और वहां मौजूद डॉक्टर और हेल्थ केयर वर्कर्स रूपी 'भगवान' आपकी जान बचाने में दिन-रात लगे हैं. यह 'भगवान' कभी हेल्थ वर्कर तो कभी सुरक्षाकर्मी के रूप में आपके घर भी पहुंचते हैं और पूछते हैं कि क्या आपके यहां कोई बीमार तो नहीं. ताकि अगर आपके यहां कोई बीमार हो तो उसकी जांच करा सकें और इलाज समय पर कराकर उसकी जान बचा सकें.
देश में कई जगहों पर हुआ डॉक्टरों पर हमला
पिछले कुछ दिनों में मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, बिहार के दरभंगा, नालंदा और कई अन्य जगहों डॉक्टर पर हमले हुए. हालांकि कुछ लोगों की इस हरकत को अत्यंत निंदनीय करार दिया. ईटीवी भारत ने ना सिर्फ खास बल्कि समाज के तमाम तबके के लोगों से बात की और जानने की कोशिश की कि आखिर ऐसे लोगों के बारे में क्या कहा जाए, जो स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिसकर्मियों पर हमले कर रहे हैं.