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कोविड-19 वैक्सीन के वेस्ट से निपटने का बेस्ट इलाज - Bio Medical Waste Management

भारत में जहां कोरोना वैक्सीनेशन से लोगों को नया जीवन दिया जा रहा है. वहीं, इतने बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन दिए जाने के बाद निकलने वाले वेस्ट ने थोड़ी चिंता जरूर बढ़ा दी है. लेकिन इस मेडिकल वेस्ट का इलाज भी बेस्ट तरीके से किया जाता है. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
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Published : Jan 31, 2021, 6:56 PM IST

Updated : Jan 31, 2021, 9:14 PM IST

पटना: भारत में कोरोना का वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. ऐसे में बिहार की राजधानी पटना की बात करें तो यहां वैक्सीन के वेस्ट के मैनेजमेंट को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को पूरी तरह से प्रशिक्षित कर दिया गया है. बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत वैक्सीन के वेस्ट को डिस्पोज किया जा रहा है.

मेडिकल वेस्ट का निपटारा

वेस्ट का डिस्पोज बड़ी चुनौती
वैक्सीन के वेस्ट का डिस्पोज एक बड़ी चुनौती है. जिसे बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के तहत डिस्पोज किया जाता है. सेंट्रल पापुलेशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़े के अनुसार 2017 से 2019 तक का मेडिकल वेस्ट आंकड़े में भारत में प्रतिदिन 559 टन बायो मेडिकल वेस्ट निकलता है. ऐसे में जब कोरोना का वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हुआ है तो बायो मेडिकल वेस्ट अब और ज्यादा निकलेगा ऐसे में प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की बायो मेडिकल वेस्ट से निपटने की पुख्ता तैयारी है.

वेस्ट का डिस्पोज बड़ी चुनौती

स्वास्थ्य कर्मियों को दी पुख्ता ट्रेनिंग
पटना के पीएमसीएच में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के वैक्सीनेटर सुनील यादव ने बताया कि बायो मेडिकल वेस्ट से निपटने के लिए उन लोगों को पुख्ता ट्रेनिंग दी गई है और अस्पताल में ड्यूटी के दौरान वह इसका पूरा ख्याल रखते हैं. अस्पताल में वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व वैक्सीनेशन से जुड़े सभी बातों को लेकर उनकी पूरी ट्रेनिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराई गई है.

वेस्ट से निपटने का बेस्ट इलाज

''किसी को वैक्सीनेट करते हैं तो जो सिरिंज होता है उसको सिरिंज कटर से कट करते हैं. जिसमें प्रॉपर हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन रहता है. इसके बाद उनके पास चार प्रकार के डब्बे होते हैं. जिसमें जिस प्रकार जैसा नियम है उस प्रकार से मेडिकल वेस्ट को उस डिब्बे में डालते हैं''- सुनील यादव, मेल नर्स, पीएमसीएच

वैक्सीन के वेस्ट का इलाज
वैक्सीन के वेस्ट को 4 डिब्बों में रखा जाता है. ये डिब्बे लाल, काला, पीला और नीले कलर के होते हैं. काले डिब्बे में सिरिंज का प्लास्टिक रैपर और नीडल कैप डालते हैं. वैक्सीनेशन के बाद सिरिंज को नीडल कटर से काटकर ब्लू डिब्बे में डाल देते हैं. इसके बाद बॉडी का जो स्वाब और कॉटन को लाल डिब्बे में डाल देते हैं और पीले डिब्बे में ग्लव्स, मास्क और हेड कवर डालते हैं.

वैक्सीन के वेस्ट का डिस्पोजल

मेडिकल वेस्ट का निस्तारण
जब मेडिकल वेस्ट उठाने के लिए गाड़ी आती है तो उसमें इन डिब्बों के कचरे को डाल दिया जाता है. फिर जिले में एक जगह जहां बायो मेडिकल वेस्ट का निपटारा किया जाता है. वहां यह कचरा चला जाता है. पटना जिला सिविल सर्जन डॉक्टर विभा कुमारी ने बताया कि कोरोना वैक्सीन के वेस्ट के निपटारे को लेकर स्वास्थ्य कर्मी सभी नियमों को फॉलो करते हैं.

मेडिकल वेस्ट का इलाज

''बायो मेडिकल वेस्ट का डिस्पोजल आईआईएमएस के बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल सेंटर में होता है और सभी वैक्सीनेशन सेंटर के बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोज करने के लिए आईजीआईएमएस भेजे जाते हैं''- डॉ. विभा कुमारी, सिविल सर्जन पटना

Last Updated : Jan 31, 2021, 9:14 PM IST

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