पटना: राज्य में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य में 5 मई से ही लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन की वजह से प्रति दिन कमाकर खाने वाले मजदूर और कारीगरों के सामने आर्थिक संकट हो गया है. ऐसे काम करने वाले लोगों को अब अपने परिवार के पेट पालने की चिंता सता रही है.
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कोरोना वायरस ने छीना रोजगार
कोरोना संक्रमण के कारण लोग अपने घरों में नल या इलेक्ट्रिक के सामान खराब होने पर भी नहीं बुलाते हैं. लोग ये मानते है कि संक्रमण के दौर में अपने घरों में ऐसे मिस्त्री और कारीगर को बुलाना खतरे से खाली नहीं है. ऐसे लोगों को लॉक डाउन या कोरोना संक्रमण के कारण काफी दिक्कत हो रही है, लेकिन क्या करें घर में छोटी मोटी बिजली में खराबी या नल में खराबी को ठीक करवाने के लिए फिलहाल बाहरी मिस्री को बुलाना ठीक नहीं है.
''वर्तमान में कोरोना संक्रमण का दौर है, ऐसे में कारीगरों को हम घर पर बुलाकर काम नहीं करवा रहे हैं, क्योंकि हमें इनको बुलाने से शंका की स्थिति हो सकती है. लेकिन क्या करें मजबूरी है, फिलहाल घर के नल में कोई खराबी हो या इलेक्ट्रिक में कुछ गड़बड़ी हो, खुद ही कुछ ना कुछ काम चला रहे हैं.''-किसलय कुमार, स्थानीय
''हम प्लम्बर का काम करते हैं, जबसे कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा है लोग डर से हम लोगों को अपने घर नहीं बुलाते हैं. अब तो पेट भरना मुश्किल हो गया है. किसी तरह बाल बच्चें के साथ जी रहे हैं. सरकार भी हम लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है और ऐसे समय में कर्ज लेकर किसी तरह अपने परिवार को चला रहे हैं.''-मेहबूब अली, प्लम्बर मिस्त्री