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Corona Mock Drill: IGIMS में मॉक ड्रिल, कोरोना से निपटने की सारी तैयारियां पूरी

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आईजीआईएमएस में मॉक ड्रिल किया गया. मरीज को एंबुलेंस से उतारने से लेकर अस्पताल के बेड तक पहुंचाने और इलाज शुरू करने तक का ड्रिल चलाया गया.

आईजीआईएमएस में मॉक ड्रिल
आईजीआईएमएस में मॉक ड्रिल

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Published : Apr 10, 2023, 12:53 PM IST

आईजीआईएमएस में मॉक ड्रिल

पटना:प्रदेश में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. बीते 2 दिनों में प्रदेश में संक्रमण के 88 नए मामले मिले हैं. देश में भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ दिनों पूर्व ही सभी राज्यों के स्वास्थ्य महकमे को कोरोना को लेकर अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया था. इसी को लेकर पूरे देश भर में स्वास्थ्य संबंधित तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है.

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आईजीआईएमएस में मॉक ड्रिल:सोमवार को पटना के आईजीआईएमएस में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया जिसमें कोरोना के एकडमी मरीज को एंबुलेंस से उतारकर कोरोना वार्ड में एडमिट किया गया. इस दौरान 2 मिनट के अंदर ऑक्सीजन मास्क से लेकर मशीनों की तारे मरीज के शरीर से जोड़ दी गईं. मरीज जैसे ही एंबुलेंस से कोरोना वार्ड के पास पहुंचा, पीपीई किट पहनकर पहले से मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने तमाम सावधानी से मरीज को एंबुलेंस से उतारते हुए स्ट्रेचर पर लिटाया और सीधे आईसीयू बेड पर जाकर एडमिट किया. इस दौरान वार्ड के अंदर मौजूद चिकित्सकों ने मरीज को एडमिट करते हुए इलाज की प्रक्रिया शुरू कर दी.

अस्पताल में है पूरी तैयारी: इस मौके पर आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि यह मॉक ड्रिल इसलिए किया गया है ताकि पता चल सके कि अस्पताल कितना तत्पर हैं और कितना सक्षम है. कोरोना के मरीजों को रिसीव कैसे करना है, उन्हें इन्वेस्टिगेट कैसे करना है और उन्हें ट्रीट कैसे करना है, इसकी पूरी तैयारी आईजीआईएमएस में है.

"वार्ड के अंदर फिलहाल 10 बेड का कोरोना डेडीकेटेड यूनिट है. इसमें तीन अलग से आईसीयू बेड है. पाइप लाइन के माध्यम से सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा विशेष स्थिति में इसे 500 बेड का कोरोना वार्ड के तौर पर भी अस्पताल को तैयार किया जा सकता है."-डॉ मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस

'20 हजार लीटर के दो-दो क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट की व्यवस्था': डॉ मनीष मंडल ने बताया कि कोरोना का नया वेरिएंट XBB.1.16 अधिक घातक नहीं है लेकिन संक्रामक है. अभी जो स्थिति है इसमें डरने की आवश्यकता नहीं है लेकिन सावधानी बरतनी है. हॉस्पिटलाइजेशन की आवश्यकता उन्हीं को पड़ रही है जो पहले से गंभीर रोग से जूझ रहे हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल में 20000 लीटर के दो-दो क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट हैं. इसके अलावा अस्पताल का अपना ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट है. ऑक्सीजन के मामले में अस्पताल अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ ही आसपास के दूसरे संस्थानों को भी ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की क्षमता रखता है.

बिहार में बढ़ रहे कोरोना केस: उन्होंने बताया कि अभी के समय एक बार फिर से लोगों को सावधानी के तहत मास्क पहनने की आवश्यकता पड़ गई है. भीड़भाड़ वाले इलाके में मास्क पहन कर रहें, इससे कोरोना से बचाओ तो होगा ही प्रदूषण संबंधित अन्य बीमारियों से भी बचाव होगा. फेफड़े की क्षमता बढ़ाने के लिए रात में एक बार गर्म पानी का भाप लें और सुबह में कुछ समय प्राणायाम करें. दरअसल बिहार में रविवार को कोरोना के सबसे अधिक नए मामले मिले थे. 42 नए केस मिले हैं. पीएमसीएच के 4 चिकित्सक भी इंफेक्टेड पाए गए हैं.

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