पटना:कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए पूरे देश को 14 अप्रैल तक 'लॉकडाउन' कर दिया गया है. बिहार में भी कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. हालांकि, सूत्रों की माने तो, लॉकडाउन को लेकर बिहार सरकार आज फैसला कर सकती है.
सूत्रों की माने तो बिहार में कई चरणों में लॉकडाउन खुलने की उम्मीद है. लेकिन बिहार सरकार ट्रेन, हवाई जहाज और बस सेवा खोलने के पक्ष में अभी नहीं है. इस बीच, कोरोना वायरस को लेकर शुक्रवार को एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग लॉक डाउन के पालन में अनुशासन बनाए रखें. इससे कोरोना संक्रमण की चेन टूटेगी.
CM नीतीश की बिहारवासियों से अपील
मुख्यमंत्री ने बिहारवासियों से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान ना दें. समाज में आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारा बनाये रखें. साथ ही उन्होंने सूबे के वरीय अधिकारियों से कहा है कि लॉकडाउन के पालन में अनुशासन बनाये रखें. इससे कोरोना संक्रमण की चेन टूटेगी. कोरोना संक्रमित मरीज जहां पाये जाते हैं, उस क्षेत्र में प्रोटोकॉल के अनुरूप समुचित कार्रवाई सुनिश्चित हो.
'जालिम मुखिया' की साजिश
इस बीच आपको बता दें कि बिहार में कोरोना फैलाने की साजिश नेपाल में रची जा रही है. यह खुफिया जानकारी मिलने के बाद पश्चिम चंपारण जिले के जिलाधिकारी ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के एक पत्र का हवाला देते हुए बेतिया और बगहा के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सीमा पर चौकसी बरतने का निर्देश दिया है. इस बीच, बिहार के गृह सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि साजिश की जांच की जा रही है, सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है.
डीजीपी: 'बॉर्डर सील है कोई नहीं प्रवेश कर सकता'
वहीं, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने नेपाल के रास्ते कोरोना संक्रमित लोगों को बिहार भेजे जाने को लेकर कहा कि मैं इतना कह सकता हूं कि भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी के जवानों के साथ बिहार पुलिस के जवान भी तैनात हैं और जहां तक सीमा के अंदर किसी के प्रवेश करने की बात है ऐसी सूचना अभी तक नहीं मिली है.