पटना:राज्य में कोरोना (Corona) का कहर थम चुका है. बिहार में 1% के आसपास लोग ही फिलहाल संक्रमित पाए जा रहे हैं. कोरोना के घटते संक्रमण से स्वास्थ विभाग जहां राहत महसूस कर रही है. वहीं ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बढ़ते मामलों ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. दरअसल, ब्लैक फंगस बीमारी से ग्रसित वहीं लोग हो रहे हैं, जो कोरोना वायरस संक्रमण का शिकार हुए हैं. या फिर संक्रमित हैं.
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ब्लैक फंगस के मामले बढ़े
कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या जिस अनुपात में घट रही है, उस अनुपात में ब्लैक फंगस के मामले कम नहीं हो रहे हैं. उल्टे ब्लैक फंगस के मामलों में इजाफा हो रहा है. बिहार में अब तक 375 ब्लैक फंगस के मामले उजागर हो चुके हैं. लगभग 60 लोगों की मौत भी हो चुकी है. ब्लैक फंगस को लेकर 4 आईएएस अधिकारियों को जिम्मेदारी भी दी गई है.
ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव राजीव रोशन को पीएमसीएच की जिम्मेदारी मिली है. समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार को पटना एम्स की जिम्मेदारी मिली है. और उद्योग विभाग के तकनीकी निदेशक पंकज दीक्षित को एनएमसीएच की जिम्मेदारी दी गई है.
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ब्लैक फंगस को लेकर सरकार सतर्क
ब्लैक फंगस की दवा के लिए केंद्र से अनुरोध किया गया है. 'ब्लैक फंगस से निपटने के लिए हमने, अस्पतालों को एंफोटरइसिन दवा उपलब्ध करा दी है. केंद्र सरकार से और भी दवा की मांग की गई है. हम अस्पतालों को संसाधन मुहैया करा सकते हैं. लेकिन मामलों में क्यों इजाफा हो रहा है, इस पर विशेषज्ञ चिकित्सक ही कुछ बता सकते हैं.': मंगल पांडे, स्वास्थ मंत्री
डॉक्टर सुनील कुमार का मानना है कि ब्लैक फंगस से वहीं लोग शिकार हो रहे हैं, जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं और जिनका शुगर लेवल हाई रहता है. संक्रमण के दौरान जिन्हे ऑक्सीजन की पाइप लगी हो, उन्हे भी फंगस का संक्रमण होने की संभावना ज्यादा है. पेशेंट को एस्ट्रॉयड दिए जाने से भी ब्लैक फंगस संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. ऐसा इसलिए है कि एस्ट्रॉयड देने के बाद एक तो मरीजों की रोग रोधक क्षमता घटती है और दूसरा ब्लड शुगर लेवल हाई हो जाता है. जिसके चलते ब्लैक फंगस का संक्रमण हो जाता है.