पटनाःबिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Third Wave In Bihar) की तीसरी लहर की रफ्तार अब सुस्त हो रही है. इस लहर में भी दूसरी लहर का प्रभाव देखा जा रहा है. दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित हुए लोगों में अब कोमोरबिड वाली बीमारियों का असर दिखने लगा है. आयुर्वेद और एलोपैथी चिकित्सा के एक्सपर्ट ने इसे लेकर अहम जानकारी दी है.
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दरअसल, कोविड की पहली लहर में लोग अल्फा वैरिएंट का असर रहा. दूसरी लहर में खतरनाक डेल्टा वैरिएंट और तीसरी लहर में अब ओमिक्रोन का खतरा है. लेकिन जानकारों का कहना है कि दूसरी लहर में संक्रमित व्यक्तियों में अब (तीसरी लहर के दौरान) डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, फैटी लीवर, ज्वाइंट पेन जैसी कई प्रकार के कोमोरबिड बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं.
इन सब में डायबिटीज और ज्वाइंट पेन का मामला सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. जो लोग संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमित होकर ठीक हुए, उनमें 10 प्रतिशत लोग डायबिटीज से ग्रसित हो गए हैं. लगभग 20 फीसदी लोग ज्वाइंट पेन की समस्या से जूझ रहे हैं.
30 फीसदी लोग फैटी लीवर, हाई ब्लड प्रेशर, ब्रीदिंग कैपेसिटी की कमी, स्किन इचिंग जैसी बीमारियों की चपेट में आए हैं. बिहार में संक्रमण के दूसरे लहर में संक्रमण से ठीक होने के बावजूद लोग कोमोरबिड बीमारियों के कारण हॉस्पिटल आए हुए हैं. कई लोगों की जानें भी गई हैं.
पटना के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक वैद्य अजीत कुमार ने बताया कि संक्रमण के दूसरे लहर का असर अभी तक देखने को मिल रहा है. वैद्य ने बताया कि उनके पास जो मामले आए हैं, उसमें अधिकांश जॉइंट पेन के रहे हैं. संक्रमण ठीक होने के बाद लोगों में जॉइंट पेन के मामले बढ़ गए हैं और यह इसलिए क्योंकि संक्रमण के दौरान बॉडी का सीआरपी लेवल बढ़ जाता है.
संक्रमण से ठीक होने के बाद लोगों की सांस लेने की क्षमता कम हुई है. वे लंबे समय तक सांस नहीं ले पा रहे हैं और ना ही अधिक देर तक सांस रोक पा रहे हैं. चूंकि संक्रमण के दौरान लोगों ने खास प्रकार की दवाइयां का सेवन किया, लिहाजा उनका ब्लड शुगर लेवल बहुत बढ़ गया और लोग डायबिटीज से ग्रसित हो गए हैं.
संक्रमण ठीक होने के बाद लोगों में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ गया जिस वजह से ब्लड प्रेशर की समस्या उत्पन्न हो रही है. इसके अलावा काफी संख्या में लोगों में संक्रमण ठीक होने के बाद फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस, जौंडिस जैसी कई बीमारियों की जद में आ रहे हैं.
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