पटना:बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona infection in Bihar) विस्फोटक हो गया है. बीते 24 घंटे में 5908 नए मामले सामने आए हैं, जिसमें अकेले राजधानी पटना में 2202 नए मामले मिले हैं. पटना के प्रमुख चार मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के 27 डॉक्टर कोरोना संक्रमण की चपेट में बीते 24 घंटे के अंदर आए हैं. प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही कोरोना से होने वाली मौतों की भी संख्या बढ़ गई है. ऐसे में सवाल उठने लगा है जिस प्रकार दूसरी लहर में परिस्थिति बनी थी, वैसी ही स्थिति फिर ना हो जाए.
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बीते 24 घंटे में प्रदेश में 7 मौतें दर्ज (Corona Death toll increased in Bihar) की गई है, जिसमें 6 मौतें पटना के विभिन्न अस्पतालों में दर्ज की गई हैं. कोरोना से 3 मौत एनएमसीएच में हुई है. पीएमसीएच में एक मरीज की मौत हुई है. पटना एम्स में एक मरीज की मौत हुई है, इसके अलावा पटना के निजी अस्पताल साईं हॉस्पिटल में एक मरीज की मौत हुई है. भागलपुर में भी एक मरीज की मौत दर्ज की गई है. इसी के साथ बिहार में पिछले 2 दिनों में 12 मौतें कोरोना से बिहार में दर्ज की गई है.
प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 25,051 है, जिसमें राजधानी पटना में ही एक्टिव मरीजों की संख्या 12,870 है और प्रदेश का रिकवरी प्रतिशत 95.08% हो गया है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना से 1790 लोग ठीक भी हुए हैं. बता दें कि इस बार बिहार में हर उम्र वर्ग के लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं और सर्वाधिक चपेट में 20 से 40 वर्ष के युवा हैं.
विभिन्न आयु वर्ग और उनके संक्रमित होने का प्रतिशत
- 0-9 वर्ष के बच्चों के पॉजिटिव होने का अनुपात 1.9%
- 10-19 वर्ष के बच्चों के पॉजिटिव होने का का अनुपात 10%
- 20-29 वर्ष के युवा का पॉजिटिव होने का अनुपात 20.0%
- 30-39 वर्ष के युवा का पॉजिटिव होने का अनुपात 23.9%
- 40-49 वर्ष के व्यक्ति के पॉजिटिव होने का अनुपात 15.2%
- 50-59 वर्ष के व्यक्ति के पॉजिटिव होने का अनुपात 12.2%
- 60+ वाले लोगों की पॉजिटिव होने का अनुपात 8.2%
वहीं, स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 1 जनवरी से 10 जनवरी के बीच जो संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं, उसमें 66.9% पुरुष और 33.1% महिला संक्रमित हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग के ताजा निर्देश के तहत कोरोना मरीज के क्लोज कांटेक्ट में आने वाले लोगों के लिए कोरोना जांच जरूरी नहीं है. इसके अलावा अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज में यदि कोरोना के सिम्टम्स नहीं है, तो उनकी कोरोना जांच नहीं किए जाने का आदेश है और अस्पताल में एडमिट मरीज का 1 सप्ताह में सिर्फ एक बार ही कोरोना जांच करने का विभाग ने निर्देश दिया है.