बिहार

bihar

ETV Bharat / state

कोरोना ने बदला पारंपरिक चुनाव प्रचार, नेताओं को रास नहीं आ रही वर्चुअल रैली - अजीत चौधरी

कोरोना ने सभी को प्रभावित किया है. इससे बहुत कुछ बदल गया है. प्रदेश में जल्द चुनाव होने वाला है. चुनाव तैयारी को लेकर पार्टियां अपनी रणनीति में भी बदलाव करने को मजबूर हैं.

वर्चुअल रैली
वर्चुअल रैली

By

Published : Sep 10, 2020, 9:53 PM IST

पटना:बिहार विधानसभा चुनाव इस बार हर चुनाव से बदला- बदला दिख रहा है. आम चुनाव में रैलियां, जनसभाएं और रोड शो हुआ करती थी. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के वजह से ये तमाम कार्यक्रम स्थगित है. इन तमाम कार्यक्रमों का स्वरूप अब तकनीक के माध्यम पर आश्रित रह गया है. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों के दिग्गज कार्यकर्ताओं को वर्चुअल संवाद और सम्मेलन के माध्यम से संबंधित कर रहे हैं.

बिहार जैसे राज्य में मोबाइल तकनीक और इंटरनेट के माध्यम से राजनीतिक दलों के तरफ से आम जनता से जुड़ना बड़ी चुनौती बन गई है. हालांकि सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी राजनीतिक दलों का यह कहना है कि वर्चुअल संवाद में कई तकनीकी परेशानियां तो जरूर है, लेकिन कोरोना संक्रमण से बदले हालात में इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं है. राजद के विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की हत्या करने वाली पार्टी है, इसलिए उन्हें वर्चुअल रैली काफी रास आ रही है. लेकिन राजद के नेता लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव वर्चुअल नहीं एक्चुअल और फिजिकल संवाद पर यकीन रखते हैं.

पेश है रिपोर्ट

'कोई और विकल्प नहीं बचा है'
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा कहते हैं कि वर्तमान हालात जिस तरह से बदल गए हैं, वर्चुअल सम्मेलन के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. चुनाव में आम जनता तक अपनी बातों को पहुंचाने के लिए पहले रैलियां और अन्य कई कार्यक्रम आयोजित होते थे. लेकिन कोरोना महामारी के बाद अब वर्चुअल संवाद ही संभव है. झा कहते हैं कि भले ही बिहार में स्मार्ट फोन और इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या कम हो. लेकिन हम आम जनता तक अपनी बातों को हर माध्यम से पहुंचाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं.

'सीधा संवाद ज्यादा बेहतर होता है'
सत्ताधारी दल और तकनीकी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाली बीजेपी के नेता का भी मानना है कि वर्चुअल संवाद में कई चीजें छूट जा रही है. अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अजीत चौधरी कहते हैं कि ये सही है कि तकनीक के माध्यम से हम चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन जनता से सीधा संवाद ज्यादा बेहतर होता है. हालांकि बीजेपी नेता का कहना है कि पार्टी के विचारों को बूथ और पंचायत स्तर तक पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद कर रहे है.

चुनावी तैयारी में जुटी कांग्रेस
बिहार में स्मार्टफोन और इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों का आंकड़ा इस प्रकार है. ये आंकड़े ट्राई का है.
  • बिहार में 52. 54% क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये 86.15% है.
  • 27 से 30% बिहार वासियों के पास स्मार्ट मोबाइल फोन उपलब्ध है.
  • साल 2019 के आंकड़ों के अनुसार बिहार में 100 में से 32 लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 100 में 54 लोगों का है.
  • बिहार के ग्रामीण इलाकों में 100 में से 22 लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.
  • " फोर्थ नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे" के अनुसार 2015- 16 के आखरी में बताया गया है कि बिहार में 61% महिलाएं और 36% पुरुष सोशल मीडिया इस्तेमाल नहीं करते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details