पटना: कोरोना को लेकर महीनों से पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन ने सभी तहर से कारोबार को प्रभावित किया है. इससे अर्थव्यवस्था का ग्राफ काफी नीचे पहुंच गया है. वहीं, पटना जंक्शन के दक्षिणी द्वार करबिगहिया पर मौजूद कुलियों की हालत काफी चिंताजनक है. कुलियों की भुखमरी की नौबत आ गई है.
सभी के सामानों का बोझ उठाने वाले कुलियों का 'बोझ' उठाने में फेल हो गई सरकार
करबिगहिया जंक्शन पर लॉकडाउन की वजह से दर्जनों कुली फंस गए. इस दौरान इनका काम पूरी तरह से ठप है. इससे इनके लिए अब भुखमरी की नौबत आ गई है.
करबिगहिया जंक्शन के विश्राम गृह में मौजूद कुलियों का कहना है कि लॉकडाउन से उनकी कमाई का जरिया बंद हो गया है. इसकी वजह से दर्जनों की संख्या में कुली पटना में ही फंसे रह गए. कुछ दिनों तक तो इधर-उधर से मांग कर राशन का इंतजाम हो गया. लेकिन अब हालात ये है कि पास में पैसे भी नहीं हैं और राशन भी खत्म हो गए हैं. राशन दुकान वाले अब राशन उधार भी नहीं देते हैं. पटना जंक्शन पर लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आने के बाद थोड़ी उम्मीद दिखी थी, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ.
'सामान उठाने पर रोक लगा दी गई है'
कुलियों ने बताया कि पटना जंक्शन पर मौजूद स्टेशन मास्टर ने पहले दिन 12 मई को जब श्रमिक स्टेशन ट्रेन आई, तो पटना जंक्शन पर मौजूद कुलियों से काम करवाया. उस दौरान कुछ कमाई हुई. लेकिन अब स्टेशन मास्टर नीलेश कुमार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आने वाले यात्रियों के सामान उठाने पर रोक लगा दिया है. इसके साथ ही पटना जंक्शन पर मौजूद जीआरपी और आरपीएफ को सख्त निर्देश दिया कि कुली जहां भी दिखे उन पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया जाए. वहीं, कुलियों के संघ के अध्यक्ष मुंशी यादव कहते हैं अब हालात भूखे मरने की आ गई है. हम लोगों की हाल न सरकार ले रही है और न ही रेलवे प्रशासन ले रही है.