पटना:बिहार विधानसभा में 16 दिसंबर को कैग की रिपोर्टपेश की गई थी. 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष के अनुपालन प्रतिवेदन में सरकार की वित्तीय अनियमितता का फिर से खुलासा हुआ है. वहीं रिपोर्ट में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक संस्थानों के कामकाज का रिपोर्ट है. यह जानकारी दी गई है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और भवन निर्माण विभाग ने 2020-22 की अवधि के दौरान कुल बजट प्रावधान का क्रमशः 46 और 22% वापस कर दिया है.(cag report on engineering institutes in bihar) (cag report on polytechnic institutes in bihar) (Controversy between Bihar government and BJP )
पढ़ें- CAG रिपोर्ट में बड़े घोटाले की बात- अवैध खनिजों के परिवहन में सरकार को लगा 4.20 करोड़ का चूना
कैग की रिपोर्ट में अनियमितता खुलासा:फरवरी 2022 में एबीएपी यानी अवसर बढ़े. आगे बढ़े योजना के तहत राज्य के 46 इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक संस्थानों के लिए 3,857 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी. 2022 तक इस योजना के मुताबिक इमारतों का निर्माण होना था लेकिन अभी तक इमारतों का निर्माण नहीं हो पाया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस योजना का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी कौशल आधारित शिक्षा देने का देना था लेकिन अभी तक इसे हासिल नहीं किया जा सका है.
सरकार ने किया बचाव:वहीं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मानें तो कैग की रिपोर्ट में तथ्य पूरी तरह सामने नहीं है. विभागीय जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में 46 इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं. जिनमें से केवल आठ ही ऐसे हैं, जिसकी अपनी इमारत नहीं है. हालांकि विभागीय सूत्रों के अनुसार इस वर्ष जुलाई माह तक इन आठ बचे हुए संस्थानों को भी इमारतें मिल जाएंगी. यानी इस साल तक के अंत तक राज्य के सभी इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक संस्थान अपने इमारतों से ही संचालित होंगे. विभागीय जानकारी के अनुसार राज्य में अभी 46 पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में डिप्लोमा के लिए 15 हजार छात्रों की नामांकन की क्षमता है. तीन वर्षीय पाठ्यक्रम के अनुसार इन कॉलेजों में 45 हजार छात्र स्टडी करते हैं.