पटना:बेल्ट्रॉन के माध्यम से सरकार के विभिन्न कार्यालयों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों (Contractual Employees In Patna) में गहरी नाराजगी है. अधिकांश कंप्यूटर डाटा ऑपरेटर की स्थिति बद से बदतर है. लगभग 20 सालों से काम करने के बाद भी अभी तक कंप्यूटर डाटा ऑपरेटर की सेवा शर्त नहीं की गई है. बिना सेवा शर्त के ही काम करने को डाटा ऑपरेटर मजबूर हैं. ऐसे में इन लोगों ने प्रदर्शन (Protest In Patna) कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की.
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इन कर्मियों ने सेवा शर्त और नियमावली बनाए जाने की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन किया. लेकिन इसपर कोई संज्ञान नहीं लिया गया.संविदा कर्मियों ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बेल्ट्रॉन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बेल्ट्रॉन के द्वारा पैसे का बंदरबांट किया जाता है.
"हमारे जॉब में समस्या ही समस्या है. सिर्फ हमलोगों से काम लिया जाता है और बदले में सही मानदेय नहीं दिया जाता है. सरकार को खुद से निर्णय लेना चाहिए था. हमलोगों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार आवाज उठाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई."-ममता कुमारी,संविदा कर्मी
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वहीं संविदा कर्मियों का कहना है कि जीएसटी के नाम पर भी 18 प्रतिशत सैलरी कट होती है. कर्मियों का आरोप है कि जीएसटी के नाम पर पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है.
"जीएसटी के नाम 18% सैलरी से पैसा काटा जाता है. वो पैसा कहां जाता है कोई पता नहीं. बेसिक सैलरी 35000 रुपये हैं लेकिन इन हैंड 23000 रुपये मिलते हैं. हमारी सैलरी से पैसा काट करके कमीशन में बंदरबांट किया जाता है."- राजेश कुमार,संविदा कर्मी
वहीं एक अन्य संविदा कर्मी संगीता देवी ने कहा कि हम लोग संविदा पर सरकार के सभी विभागों में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग में 6:00 बजे या 7:00 बजे तक रुककर भी काम करना पड़ता है. लेकिन एक्स्ट्रा बेनिफिट की बात तो दूर जो सही मानदेय है, वह भी नहीं दिया जाता है. अगर छुट्टी ली जाती है तो लिव मैनेज नहीं किया जाता है बल्कि सैलरी से पैसा काट लिया जाता है.
"वित्त विभाग से जो सैलेरी बनती है वो सीधे हमलोगों को मिलना चाहिए. बेल्ट्रान के द्वारा पैसे का बंदरबाट किया जाता है."-संगीता देवी,संविदा कर्मी
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इस दौरानकई कर्मचारियों ने बातचीत में बताया कि पीएफ का जो पैसा काटा जाता है, उसका कोई अता-पता नहीं चलता है. इस मामले पर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सेक्रेटरी संतोष कुमार मॉल का कहना है कि सभी विभागों से जो सैलरी ली जाती है, उसमे विभागों के द्वारा ही जीएसटी ली जाती है. उन्होंने कहा कि जो युवक युवतियां काम कर रहे हैं, उनको मानदेय पूरा का पूरा मिलता है.
"जो परमानेंट बेसिस पर आईटी के लिए काम कर रहे हैं, उनके लिए पहल की जा रही है. डाटा ऑपरेटर इसमें नहीं आते हैं. बेल्ट्रॉन के द्वारा लिए गए डाटा ऑपरेटर कॉन्ट्रैक्ट पर लिए गए है. ये इसमें नही आते है."- -संतोष कुमार मॉल,सेक्रेटरी, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग
आपको बता दें कि बेल्ट्रॉन के द्वारा बिहार की लगभग सभी विभागों में डाटा एंट्री कंप्यूटर ऑपरेटर पिछले कई वर्षों से अपनी सेवा दे रहे हैं. सरकार के द्वारा बेल्ट्रॉन के माध्यम से डाटा एंट्री ऑपरेटर की सेवा ली जा रही है. संविदा पर बहाल कर्मचारियों का कहना है कि हमारे जॉब पर अनिश्चितता बनी हुई है. आज कल बिना कारण बताए हमारी सेवा समाप्त कर दी जाती है. इसके बाद हम लोग सड़क पर आ जाते हैं और ऐसे में उम्र सीमा समाप्त होने के बाद आजीविका के लिए दूसरा कोई विकल्प भी नहीं मिलता है.
ऐसे में संविदा कर्मियों ने सरकार को आगाह किया है कि पंचायत चुनाव के बाद ठोस कदम उठाए जाएंगे. अभी पंचायत चुनाव चल रहा है इसलिए संघ के द्वारा कोई निर्णय लेने से फिलहाल परहेज किया जा रहा है. लेकिन कर्मियों का साफ तौर पर कहना है कि आने वाले 2022 के जनवरी माह में संघ के द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा.