पटना:बिहार में 15 अप्रैल से 15 मई तक होने वाली जाति आधारित गणनाका नियोजित शिक्षकों ने विरोध किया है. इसकी वजह है कि नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली. दरअसल शिक्षक बहाली को लेकर की जो नई नियमावली आई है, उसके तहत नियोजित शिक्षकों के लिए शर्त रखा गया है कि बीपीएससी उनकी परीक्षा लेगा और जो परीक्षा में क्वालीफाई करेंगे, उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा. प्रदेश के तमाम शिक्षक संघ और शिक्षकों को इस पर आपत्ति है. नई शिक्षक नियमावली जारी होने के बाद बीते दिनों पटना में प्रदेश के तमाम शिक्षक संघ होने एक मंच पर एकजुट होकर संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा बनाया. इस मोर्चा के तहत शिक्षकों ने जाति गणना के बहिष्कार का निर्णय लिया.
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जातीय जनगणना कराने से नियोजित शिक्षकों का इंकार:शिक्षक संघ बिहार के अध्यक्ष केशव कुमार ने बताया कि तमाम शिक्षक संघ मिलकर संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोर्चा तैयार किया है. उन लोगों की एक ही मांग है कि जब तक सरकार उन्हें राज्य कर्मी नहीं बनाती है, तब तक वह गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें राज्य कर्मी बनाने के लिए सीधे समायोजित करें और वह लोग कोई परीक्षा नहीं देंगे, क्योंकि सरकार ने उन लोगों की पूर्व में दक्षता परीक्षा ले ली है. दक्ष परीक्षा में जिन लोगों ने क्वालीफाई की है, वही वर्तमान में शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं.
"सुबह 6:30 से 12:00 तक स्कूल चलेगा और शिक्षक स्कूल का कार्य करने के बाद चिलचिलाती धूप में जाति गणना का कार्य करेंगे. शिक्षकों के लिए प्रशासन का यह निर्णय ही संवेदनहीनता भरा है लेकिन वह लोग इस बाबत ध्यान ही नहीं दे रहे हैं, क्योंकि उनकी एक ही डिमांड है कि उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए. तभी कोई गैर शैक्षणिक कार्य शिक्षक करेंगे. सरकार उन्हें राज्य कर्मी बनाती है तो जाति गणना के कार्य में शिक्षक लगेंगे"- केशव कुमार, अध्यक्ष, बिहार शिक्षक संघ
बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली का विरोध:उधर, बिहार टीईटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने बताया कि बीते दिनों उन लोगों ने बैठक कर सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि उन लोगों को राज्य कर्मी का दर्जा दे, अन्यथा जाति गणना के कार्य से उन्हें बाहर करें लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. यह 24 घंटे की मोहलत शुक्रवार को समाप्त हो गई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने उन लोगों का अल्टीमेटम नहीं सुना. ऐसे में सभी शिक्षक संघ की एक आपात संयुक्त बैठक सोमवार को बुलाई गई है. शैक्षणिक कार्य के बाद सभी शिक्षक अपने प्रखंड में शिक्षक संघ की बैठक में सम्मिलित होंगे और इसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा. फिलहाल अभी तक का निर्णय यह है कि प्रदेश के तमाम शिक्षक जाति गणना में हिस्सा नहीं लेने जा रहे हैं, क्योंकि शिक्षकों का साफ मानना है कि जब तक राज्य कर्मी का दर्जा नहीं तब तक कोई गैर शैक्षणिक कार्य नहीं.