पटना: 4 मई को हड़ताल खत्म होने के बाद नियोजित शिक्षक अब योगदान के लिए परेशान हैं. कई शिक्षकों ने तो आनन-फानन में योगदान देना शुरू कर दिया. वहीं बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जो अपने मुख्यालय से दूर किसी अन्य शहर में फंसे हैं लेकिन सरकार के फरमान से सब परेशान हैं. शिक्षक संघ ने सरकार से अपने आदेश को संशोधित करते हुए शिक्षकों के लिए भी पचास लाख रुपए की बीमा की मांग की है.
शिक्षकों की परेशानी सिर्फ इतनी नहीं कि वह अपनी मांग पूरी हुए बिना हड़ताल से वापस आ गए, बल्कि अब उन्हें कहीं से भी अपने मुख्यालय जाकर योगदान करने की चिंता भी सता रही है. बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक हैं जो अपने शहर से दूर किसी अन्य शहर में लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं. सरकार ने उनके लिये भी ई पास बनवा कर योगदान करने का आदेश दिया है. अब यह शिक्षक ई पास बनने की प्रतीक्षा कर रहे हैं और सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि कम से कम उन्हें व्हाट्सएप के जरिए योगदान देने की सुविधा दी जाए, जैसे पहले दी गई थी.