पटना:राजधानी पटना में लोहिया पथ चक्र (Lohia Path Chakra) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project) है. 2015 से इस योजना पर काम चल रहा है. राजधानी के सबसे व्यस्त बेली रोड पर लोहिया पथ चक्र का निर्माण हो रहा है.
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लेकिन, लोहिया पथ चक्र जब से निर्माण कार्य शुरू हुआ है, तब से ये विवादों में है. कभी जमीन धंसने के कारण, तो कभी मेट्रो के एलाइनमेंट के कारण और अब लोहिया पथ चक्र के डिजाइन को लेकर मामला फंस रहा है. जिसके कारण पथ निर्माण विभाग ने इसके पुनाइचाक स्थित मुख्य भाग का निर्माण फिलहाल रोक दिया है.
इस साल के शुरुआत में सीएम नीतीश कुमार ने लोहिया पथ चक्र का निरीक्षण किया था और इस साल इसके पूरा होने की बात कही थी. मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा भी था कि 49 तरीके के रास्ते लोहिया पथ चक्र में निकाले गए हैं और यह यूनिक है. लेकिन, डिजाइन का मामला जिस प्रकार से फंसा है कि अब इसका इस साल पूरा होना असंभव दिख रहा है.
वैसे तो बेली रोड पर लोहिया पथ चक्र के पहले फेज में बने दो रास्तों पर बिना उद्घाटन के ही आवागमन शुरू है, लेकिन लोहिया पथ चक्र से निकलने वाले अलग-अलग रास्ते के डिजाइन में ही पेंच फंसा हुआ है.
''इसके डिजाइन को लेकर समस्या आ रही थी, इसलिए इसका काम फिलहाल रोक दिया गया है. हड़ताली मोड़ के पास प्रजेंटेशन देखने के बाद काम को हम लोग शुरू कराएंगे. लेकिन, पुनाइचाक स्थित जो मुख्य भाग पर लोहिया पथ चक्र के डिजाइन के कारण मामला अटक रहा है, इसलिए फिलहाल काम को रोका गया है.''-नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग
2015 में जब नीतीश सरकार ने लोहिया पथ चक्र की स्वीकृति दी थी, तो उस समय 391 करोड़ की योजना थी. लेकिन, अब जानकारी मिल रही है कि 500 करोड़ से अधिक की योजना हो चुकी है. वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का भी कहना है कि ''जब बार-बार डिजाइन और एलाइनमेंट चेंज होगा, तो पूरे काम पर असर पड़ेगा और कॉस्ट राशि भी बढ़ना तय है.''
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बता दें कि लोहिया पथ चक्र का निर्माण कब पूरा होगा पथ निर्माण विभाग भी यह बताने की स्थिति में नहीं है. वैसे तो मुख्यमंत्री इसकी कई बार समीक्षा कर चुके हैं. स्थल पर जाकर निरीक्षण भी किया है, लेकिन उसके बाद भी इसकी समस्या समाप्त नहीं हो रही है. लोहिया पथ चक्र का डिजाइन दिल्ली आईआईटी के विशेषज्ञों ने तैयार किया है.
शुरू में जब बिहार के पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह थे, तो उन्होंने इस योजना पर अपनी सहमति नहीं दी थी. लेकिन, नीतीश कुमार इस योजना को जमीन पर उतारना चाहते थे. ललन सिंह के पथ निर्माण मंत्री से हटने के बाद इस पर फिर से काम शुरू हुआ, लेकिन इस पर से ग्रहण समाप्त नहीं हो रहा है.