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मोकामा-बड़हिया टाल क्षेत्र से जल निकासी की व्यवस्था, चार एंटी फ्लड स्लूईस का निर्माण कार्य पूरा

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Published : Dec 14, 2022, 10:59 PM IST

मोकामा-बड़हिया टाल क्षेत्र से जल निकासी की व्यवस्था, गंगा नदी के बैक वाटर के प्रवेश को रोकने रोकने, जल प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए पांच एंटी फ्लड स्लूईस के निर्माण कराये जा रहे हैं. मॉनसून अवधि के बाद टाल क्षेत्र से पानी निकलने पर किसानों द्वारा रबी फसल की बुआई की जाती (Rabi crop sowing in tall area) है.

जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा

पटना:जल संसाधन मंत्री ने विधानसभा में विजय कुमार सिन्हा के मोकामा बड़हिया टाल क्षेत्र में जल प्रबंधन से संबंधित सवाल पर बताया कि मोकामा-बड़हिया टाल क्षेत्र से जल निकासी की व्यवस्था, गंगा नदी के बैक वाटर के प्रवेश को रोकने रोकने, जल प्रवाह को नियंत्रित करने और बेहतर जल प्रबंधन के लिए बाढ़ प्रबंधन योजना के तहत 188.5 करोड़ रुपये की लागत से पांच एंटी फ्लड स्लूईस के निर्माण कराये (Construction of five anti flood sluices) जा रहे हैं.

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रबी फसल की बुआईः जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि मॉनसून अवधि में वर्षा का पानी, दक्षिण बिहार के नदियों का जल और गंगा नदी का पानी (बैक वाटर) टाल क्षेत्र में भर जाता है. टाल क्षेत्र से जल निकासी का एकमात्र मार्ग हरोहर नदी है. मॉनसून के बाद गंगा के जलस्तर में कमी होने पर टाल क्षेत्र का पानी हरोहर नदी के माध्यम से गंगा में चला जाता है. मॉनसून अवधि के बाद टाल क्षेत्र से पानी निकलने पर किसानों द्वारा रबी फसल की बुआई की जाती है.


एंटी फ्लड स्लूईस-सह-रेगुलेटरः संजय झा ने कहा कि हरोहर नदी में लखीसराय प्रखंड अंतर्गत बालगुदर ग्राम के पास एक एंटी फ्लड स्लूईस-सह-रेगुलेटर के निर्माण कार्य की अद्यतन भौतिक प्रगति 53 प्रतिशत है. भू-अर्जन की कार्रवाई पूर्ण करते हुए शेष कार्य को करीब एक वर्ष में पूर्ण करा लिए जाने की संभावना है. वहीं कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड अंतर्गत बाघमारा घाट (जो हटकोला से 5 किमी डाउनस्ट्रीम में है) से गांधी टोला के पास तक करीब 2 किमी लंबाई में गंगा नदी के बायें तट का किनारा बाढ़ अवधि 2022 के बाद कटाव से आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है.

कटाव स्थल का निरीक्षण कियाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 6 दिसंबर 2022 को कटाव स्थल का निरीक्षण किया गया और कटाव रोकने के लिए जल संसाधन विभाग को आवश्यक सुरक्षात्मक कार्य कराने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुसार विभाग द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. विधायक मनोहर प्रसाद सिंह के सवाल के उत्तर में दी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने शोल कटिंग के साथ-साथ पुरानी धार की सफाई का भी निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री से मिले निर्देशों के आलोक में जल संसाधन विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण तथा सर्वे कराने के बाद बाढ़ एवं कटाव से सुरक्षा की दिशा में कार्रवाई की जा रही है.

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क्रिटिकल रिचों में पक्कीकरण का कार्यः गोपाल रविदास के पटना के बादशाही नाले के दोनों किनारों के पक्कीकरण से संबंधित सवाल पर संजय झा ने कहा कि पटना जिला अंतर्गत लंबे बादशाही नाले के क्रिटिकल रिचों में पक्कीकरण का कार्य कराया जा रहा है. इसके तहत चमनचक मोड़ से नारायणी हॉस्पीटल मोड़ तक बादशाही नाले के 270 मीटर लंबाई में आरसीसी बॉक्स कल्भर्ट टाईप ड्रेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है.


पुनपुन नदी में मिल जाताः संजय कुमार झा ने कहा कि पटना जिलान्तर्गत बादशाही नाला फुलवारीशरीफ प्रखंड के गोनपुरा से निःसृत होता है औऱ बरमुत्ता स्लूईस से होते हुए फतुहा प्रखंड के माधोपुर ग्राम के पास पुनपुन नदी में मिल जाता है. बादशाही नाले की कुल लंबाई 30.13 किमी है. वर्तमान में बादशाही नाले के केवल क्रिटिकल रिचों में पक्कीकरण का कार्य कराया जा रहा है. संजय कुमार झा ने यह भी कहा कि मेट्रो रेल एलाइनमेंट के कारण पक्कीकरण कार्य में विलंब हुआ है. अभी कार्य की भौतिक प्रगति 75 प्रतिशत है, जिसे मॉनसून सीजन 2023 से पहले पूरा कराने का लक्ष्य है.

महानंदा बाढ़ प्रबंधन योजनाः प्रश्नोत्तर से इतर संजय कुमार झा ने बताया कि महानंदा बाढ़ प्रबंधन योजना, फेज-2 के तहत महानंदा नदी की बाढ़ से बचाव एवं सुरक्षा के लिए 198.23 किमी लंबाई में तटबंध का निर्माण किया जाएगा. इससे कटिहार जिले के कदवा, बलरामपुर एवं बारसोई प्रखंड, पूर्णिया जिले के अमौर, वायसी एवं वैसा प्रखंड, किशनगंज जिले के टेढ़ागाच्छ, बहादुरगंज एवं कोचाधामन प्रखंड तथा अररिया जिले के सिकटी, पलासी एवं जोकिहाट प्रखंड के निवासी लाभान्वित होंगे.

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