पटनाःपाटलिपुत्र से पहलेजाघाट के बीच विद्युतीकरण (Patliputra Peheljaghat Doubling Project) सहित दोहरीकरण का कार्य तेज गति से जारी है. इस दोहरीरकण परियोजना को चालू वित्त वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. लगभग 11.50 किलोमीटर लंबे पाटलिपुत्र-पहलेजाघाट दोहरीकरण परियोजना की स्वीकृति 159 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वर्ष 2016-17 में प्रदान की गई थी.
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यह पुल उत्तरी छोर पर, छपरा-हाजीपुर लाइन को परमानंदपुर एवं सोनपुर स्टेशन से होते हुए एवं दक्षिणी छोर पर, दिल्ली-हावड़ा लाइन को फुलवारीशरीफ एवं दानापुर स्टेशन होते हुए जोड़ती है. पुल के उत्तरी छोर पर पहलेजाघाट स्टेशन एवं दक्षिणी छोर पर पाटलिपुत्र स्टेशन बनाया गया है.
पुल के दोहरीकरण पूरा हो जाने के बाद पटना के आस-पास उत्तरी बिहार के शहरों जैसे सोनपुर, हाजीपुर, छपरा, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी एवं बेतिया इत्यादि के लिए यात्री एवं माल यातायात और अधिक सुगम हो जायेगा. यह तमाम जानकारी पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने राजेश कुमार ने दिया उन्होंने कहा कि काम अंतिम पड़ाव में है.
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उत्तर व दक्षिण बिहार को रेल से लिंक करने के लिए रेल पुल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए साल 1997-98 में 600 करोड़ रूपए की लागत से पटना में गंगा नदी पर रेल पुल का कार्य स्वीकृत किया गया था. इसके बाद राइट्स ने 2001 में डीपीआर प्रस्तुत किया और सीसीईए की मंजूरी उसी वर्ष 05.11.2001 को प्राप्त की गई. पुनः रेलवे बोर्ड द्वारा दिनांक 07.01.2002 को इस पुल के निर्माण के लिए 624.47 करोड़ स्वीकृत किए गए.