पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से दो दिन पहले स्पेशल ब्रांच के एसपी की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई. इस चिट्ठी में प्रदेश के आरएसएस पदाधिकारियों और 17 सहायक संगठनों की विस्तृत जानकारी की मांग की गई है. इस चिट्ठी के कारण सियासत की सरगर्मी काफी बढ़ गई है.
इंटेलिजेंस चिट्ठी लीक मामले में फ्रंट फुट पर कांग्रेस, कहा- BJP क्लीयर करे अपना स्टैंड - पुलिस अधिकारी
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि राज्य में एनडीए की सरकार है. लेकिन, जेडीयू की ओर से आरएसएस के अधिकारियों की जानकारी मांगने पर ऐसा लगता है कि दोनों पार्टी को एक-दूसरे पर भरोसा नहीं है.
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इस मामले पर कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि राज्य में एनडीए की सरकार है लेकिन जेडीयू के द्वारा आरएसएस के अधिकारियों की जानकारी मांगने पर ऐसा लगता है कि दोनों पार्टी को एक-दूसरे पर भरोसा नहीं है. इस तरह से जानकारी लेने पर यह हमारी पार्टी के उन आरोपों को साबित करती है कि आरएसएस की गतिविधियां समाज को तोड़ने वाली है. उसकी गतिविधियां हमेशा से संदिग्ध रही हैं. हम सीएम को आरएसएस के जांच की मांग पर धन्यवाद देते हैं. हम उनके कार्यों की सराहना करते हैं.
'अति आवश्यक आदेश'
गौरतलब है कि इस चिट्ठी में स्पेशल ब्रांच के सभी डेपुटी एसपी को संबोधित करते हुए आरएसएस नेताओं के नाम, पता, पद और व्यवसाय की जानकारी देने को कहा गया था. चिट्ठी में फील्ड ड्यूटी पर लगाए वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल रूप से एक हफ्ते के अंदर तमाम जानकारी देने के लिए कहा गया. इस चिट्ठी में जारी किए गए आदेश को अति आवश्यक समझने के लिए भी कहा गया था.