पटना: बिहार के 2 विधानसभा सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान (Tarapur and kusheshwarsthan) पर हो रहे उपचुनाव (By-Election) को लेकर महागठबंधन में राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) के बीच ही जंग छिड़ गई है. राजद के दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है. दोनों सीटों पर यादव पर्यवेक्षक की नियुक्ति के बाद इस बात की चर्चा है कि कांग्रेस की नजर राजद के मुस्लिम यादव समीकरण पर है. क्योंकि दोनों सीटों पर करीब 25 फीसदी से लेकर 30 फीसदी तक वोट यादव और मुस्लिम का है, जो चुनाव के नतीजों पर बड़ा असर डाल सकता है.
यह भी पढ़ें- घर में साथ-साथ पर चुनावी मैदान में विरोधी, उपचुनाव में कुछ ऐसा है पप्पू यादव-रंजीत रंजन के बीच मुकाबला
बिहार में 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में महागठबंधन के दो प्रमुख दलों के मैदान में उतरने से मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है. एक तरफ राष्ट्रीय जनता दल ने कुशेश्वरस्थान में कांग्रेस की मांग को दरकिनार करते हुए अपने प्रत्याशी उतार दिया. दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस बार दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारकर राजद को भी चुनौती दे दी है. लेकिन असल चुनौती तब सामने आई, जब कांग्रेस ने राजद के एमवाई समीकरण पर निशाना साधते हुए तारापुर और कुशेश्वरस्थान में दो यादव चेहरों को पर्यवेक्षक बनाकर उतार दिया.
कांग्रेस के पूर्व सांसद रंजीत रंजन को कुशेश्वरस्थान में और चंदन यादव को तारापुर में पर्यवेक्षक बनाया है. पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कोई पिछड़ा वर्ग के नेता का नाम नहीं होने पर कांग्रेस ने दोनों नेताओं को पर्यवेक्षक बना कर ना सिर्फ इसकी भरपाई की है. बल्कि सीधे-सीधे कांग्रेस के यादव वोट बैंक पर भी निशाना साधा है.