पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल जीवन हरियाली अभियान को अपना बड़ा प्रोजेक्ट बता रहे हैं. सरकार इस अभियान पर 3 साल में 24,000 करोड़ से अधिक खर्च करने वाली है. ऐसे में प्रदेश में सियासत तेज है. विपक्ष का कहना है कि बिहार में 2020 में चुनाव होना है. उसी के मद्देनजर सीएम नीतीश यह कर रहे हैं.
सीएम ने जल जीवन हरियाली अभियान में पूरी ताकत झोंक दी है. नीतीश कुमार ने मंगलवार से इस अभियान की समीक्षा को लेकर यात्रा भी शुरू कर दी. मुख्यमंत्री इस अभियान के तहत तालाब, पोखर, कुआं और अन्य जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराएंगे. साथ ही जीर्णोद्धार भी कराएंगे. कांग्रेस का आरोप है कि सीएम जल जीवन हरियाली के जरिए 2020 की नैया पार करेंगे.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट कांग्रेस ने लगाया चुनाव प्रचार का आरोप
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इतने बड़े अभियान की शुरुआत पर सभी विपक्षी दलों ने कटाक्ष करना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि यह सब चुनावी रणनीति के तहत किया जा रहा है. सदानंद सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार पहले भी कई बार अपनी यात्रा की शुरुआत चुनावी रणनीति के तहत ही करते हैं.
सदानंद सिंह, नेता कांग्रेस जेडीयू ने किया नीतीश कुमार का बचाव
हालांकि, विपक्ष के आरोप पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि आए दिन कोई ना कोई चुनाव होता रहता है. विपक्ष बेवजह इस बात का मुद्दा बना रहा है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अब तक 12 यात्राएं की है और तीन यात्राओं को छोड़ दें तो सभी चुनाव से काफी पहले हुई. इन यात्राओं का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है.
राजीव रंजन, जेडीयू प्रवक्ता मिशन के तहत पूरा किया जाएगा टारगेट
सरकार ने 1 लाख 32 हजार 732 जल संरचनाओं को चिन्हित किया है. जिसमें से 93,000 से अधिक का सर्वेक्षण हो चुका है. 31,260 संरचनाओं को जीर्णोद्धार कराया जाएगा. 3 लाख से अधिक कुओं में से 1 लाख 31 हजार से अधिक कुओं का सर्वेक्षण हो चुका है. 4,242 को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा और 28 हजार का जीर्णोद्धार करने की योजना भी है. इसी तरह 1,32,000 से अधिक तालाबों के साथ बड़ी संख्या में पोखर और आहर का भी सर्वेक्षण हो चुका है. उसे भी अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा.
बड़े पैमाने पर होगा पौधारोपण
इतना ही नहीं बड़े पैमाने पर पौधारोपण का कार्य भी जल जीवन हरियाली अभियान के तहत होना है. 3 साल में लगभग 8 करोड़ पेड़ लगाने की सरकार की योजना है. कुल मिलाकर देखें तो सरकार 3 साल में 24,000 करोड़ खर्च करेगी. जिसमें कई विभाग इस अभियान में मदद करेंगे.