पटना: लंबे समय तक सत्ता का सुख भोगने वाली कांग्रेस पार्टी का प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम आज वीरान पड़ा है. जिस कार्यालय में नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ होनी चाहिए थी, वहां आवारा पशुओं ने अपना घर बना रखा है. पार्टी कार्यालय में ना ही कोई नेता मौजूद है और ना ही कार्यकर्ता. सदाकत आश्रम में 35 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. लेकिन मौजूदा समय में सभी कमरे बंद पाए गए.
चुनावी मौसम में भी कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में छाया है सन्नाटा, कमरों में लगे हैं ताले
प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की मानें तो कांग्रेस प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम के कर्मचारी रोजाना सरकारी कार्यालयों के जैसे ही काम करते हैं. हालांकि उन्होंने कोरोना वायरस के लिए जारी लॉकडाउन का हवाला दिया. झा ने कहा कि कोरोना को लेकर ही प्रदेश कार्यालय बंद था.
'कोरोना को लेकर ही प्रदेश कार्यालय बंद था'
साल के अंत तक बिहार विधानसभा चुनाव भी होने हैं. इसके बावजूद भी चुनाव की तैयारियां कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में देखने को नहीं मिल रही है. प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की मानें तो कांग्रेस प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम के कर्मचारी रोजाना सरकारी कार्यालयों के जैसे ही काम करते हैं. हालांकि उन्होंने कोरोना वायरस के लिए जारी लॉकडाउन का हवाला दिया. झा ने कहा कि कोरोना को लेकर ही प्रदेश कार्यालय बंद था. इस वजह से कर्मचारी, नेता या कार्यकर्ता कार्यालय नहीं पहुंच पा रहे थे. प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि मैं जब भी पटना में होता हूं तो रोजाना कार्यालय जाता हूं और आम जनता की समस्याओं को सुनता हूं.
मीटिंग में पहुंचते हैं विधायक- मदन मोहन झा
प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि विधायकों का रोजाना कार्यालय आना मुमकिन नहीं है. उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्रों में रहना पड़ता है. जब भी प्रदेश कार्यालय में मीटिंग बुलाई जाती है तो ज्यादातर विधायक मीटिंग में पहुंचते हैं. समय-समय पर भवन के रखरखाव पर भी खास ध्यान दिया जाता है. वहीं झा की माने तो बिहार कांग्रेस कार्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जाता है, कभी-कभी उनकी जरूरत के अनुसार वेतन पहले भी दे दिया जाता है.