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हम के समर्थन में बोली कांग्रेस- सिर्फ गरीब ही जेल में क्यों, अमीर शराब नहीं पी रहे हैं क्या?

शराबबंदी कानून की हकीकत ये है कि इस कानून के तहत जेल जाने वाले लोगों में ज्यादातर गरीब ही हैं. जो अपनी जमानत तक नहीं करा सकते और सालों से जेल में हैं. विपक्ष के साथ-साथ अब सत्ता पक्ष के लोग भी इस कानून में कुछ नए प्रावधान लाने की बात कर रहे हैं.

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Published : Dec 24, 2020, 8:08 AM IST

पटनाः बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है. लेकिन अब सत्ता पक्ष के नेताओं का भी मानना है कि बिहार में लागू पूर्ण शराबबंदी कानून से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब हो रहे हैं. क्योंकि इस कानून के तहत जेल जाने वालों में ज्यादातर गरीब लोग ही हैं.

'प्रशासन सिर्फ गरीबों को जेल में डाल रही है'
हम प्रवक्ता विजय यादव ने साफ साफ कहा है कि शराबबंदी ठीक है. लेकिन जिस तरह प्रशासन लगातार इस कानून के तहत गरीबों को पकड़कर जेल में डाल रही है. अमीर लोग या शराब माफिया नहीं पकड़े जा रहे हैं. कहीं ना कहीं ये एक सवाल है जिसे हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने हमेशा उठाया है.

विजय यादव, प्रवक्ता हम

'हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग भी की है कि गरीब लोग जो इस कानून के तहत जेल में हैं, उन्हें जमानत के लिए कोई प्रावधान किया जाय. क्योंकि वो ऐसे गरीब हैं जिनके पास जमानत लेने के पैसे नहीं हैं'- विजय यादव, प्रवक्ता हम

हम प्रवक्ता के इस बयान का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने भी कहा कि इस कानून के तहत सिर्फ गरीबों पर ही कार्रवाई हुई है. बड़े शराब कारोबारी तो आजाद हैं.

'बिहार में बड़े शराब माफिया नहीं पकड़े जा रहे हैं. जबकि सरकार लगातार गरीबों को जेल भेज रही है. बिहार में अगर शराबबंदी कानून लागू है तो वो सिर्फ गरीबों के लिए ही क्यों, क्या अमीर शराब नहीं पी रहे हैं'- राजेश राठौड़, कांग्रेस प्रवक्ता

राजेश राठौड़, कांग्रेस प्रवक्ता

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा किप्रशासन इस मुद्दे पर भेदभाव कर रही है. सरकार को इस पर ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार की नियति ठीक है तो कानून को सही से लागू करवाए और शराब माफियाओं को भी जेल भेजा जाए.

देखें रिपोर्ट

2016 से ही लागू है बिहार में शराबबंदी कानून
बता दें कि बिहार में साल 2016 से ही शराबबंदी लागू है. इसे लेकर लोगों के अपने-अपने नजरिए हैं. पक्ष और विपक्ष हमेशा इसके फायदे और नुकसान गिनाने में लगा रहता है. लेकिन हकिकत ये है कि इस कानून के तहत जेल जाने वाले लोगों में ज्यादातर गरीब ही हैं. जो अपनी जमानत तक नहीं करा सकते और सालों से जेल में हैं. विपक्ष के साथ-साथ अब सत्ता पक्ष के लोग भी इस कानून में कुछ नए प्रावधान लाने की बात कर रहे हैं.

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