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बिहार कांग्रेस ने कोरोना पीड़ितों के लिए बनाया कंट्रोल रूम, 8294886978, 0612-2262334 पर करें कॉल

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Published : Apr 23, 2021, 10:59 PM IST

कोरोना महामारी में पीड़ितों को सहायता पहुंचाने के लिए बिहार कांग्रेस ने प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में कंट्रोल रूम की स्थापना की है. यह एक संकट प्रबंधन रूम के तहत काम करेगा, जिसमें लोगों को हॉस्पिटल में खाली बेड्स, ब्लड, प्लाज्मा, दवाई और खाना मुहैया किया जाएगा.

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कोराना पीड़ितों के लिए कंट्रोल रूम

पटना: प्रदेश में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के मद्देनज़र बिहार प्रदेश कांग्रेस ने सहायता के लिएकंट्रोल रूम बनाया है. ये कंट्रोल रूम की सहायता 24 घंटे पीड़ितों और जरूरतमंदों की सेवा में उपलब्ध रहेगा. ईटीवी भारत के संवाददाता द्वारा कंट्रोल रूम का जायजा लिया गया.

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इन नंबरों पर मिलेगी सहायता- 8294886978, 0612-2262334
जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने जानना चाहा कि आखिरकार कांग्रेस के कंट्रोल रूम में क्या चल रहा है और किस तरह से पीड़ितों को सहायता पहुंचाई जा रही है ? इसके जवाब में सदाकत आश्रम कार्यालय के कर्मचारी अंबिका प्रसाद चौपाल ने बताया कि मिलने वाली शिकायतों को रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है. साथ में संपर्क के लिए मोबाइल नंबर भी नोट किया जा रहा है. प्रतिदिन तमाम शिकायतों और सहायता मांगने वालों की जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को सौंपी जा रही है और साथ ही संबंधित लोगों को इमरजेंसी में सुविधा दिलाने के लिए कोशिश की जा रही है. कंट्रोल रूम में सुबह से ही पीड़ित परिवार और संक्रमित मरीजों की सहायता के लिए फोन आ रहें हैं.

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'जिस तरह से इस महामारी से निपटने में सरकार पूरी तरह से विफल दिख रही है. उसी बीच हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि किसी भी फरियादी को मुकम्मल सहायता मिल सके. इसके लिए कांग्रेस की ओर से संबंधित अधिकारी या डॉक्टरों से संपर्क कर उचित सहायता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है'. - दिनेश शंकर दास, आश्रम के कर्मचारी

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'कंट्रोल रूम चलाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष द्वारा 8 सदस्यी कमेटी का गठन किया गया है. यह वक्त राजनीति करने का नहीं है, इस वक्त में अगर हम किसी भी व्यक्ति की जान बचाने में कामयाब होते हैं तो खुद को सौभाग्यशाली समझेंगे. राजनीति करने का अलग प्लेटफार्म होता है. लेकिन इस महामारी में सबको साथ मिलकर लड़ना होगा'. - राजेश सिन्हा, यूथ कांग्रेस के सदस्य

गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के दौरान कांग्रेस द्वारा पहल करते हुए कंट्रोल रूम की स्थापना की गई थी और पार्टी ने निजी खर्चे पर बसों का इंतजाम कर सैकड़ों लोगों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने का काम किया था.

ज्यादा से ज्यादा लोगों की होगी मदद
ये कंट्रोल रूम एक संकट प्रबंधन रूम के तहत काम करेगा, जिसमें लोगों को हॉस्पिटल में खाली बेड्स, ब्लड, प्लाज्मा, दवाई और खाना मुहैया करना है. साथ ही प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करने के साथ ही सेनिटेशन ड्राइव चलाना भी शामिल है. इसके साथ-साथ हेल्पलाइन और सोशल मीडिया के तहत आम लोगों से सीधा संपर्क साधा जाएगा.

कोरोना को लेकर प्रशासन लापरवाह
कोरोना महामारी के खतरनाक प्रकोप का असर चारों ओर दिख रहा है. राज्यभर से स्वास्थ्य व्यवस्था की जो तस्वीरें आ रही हैं, वह सरकार के स्वास्थ्य महकमे की पोल खोल रही है. सवाल यह है कि आपदा में आम लोगों की सहायता के नाम पर हजारों करोड़ खर्च करने वाले ही सरकार आखिर क्यों फेल दिख रही है ? आए दिन ऑक्सीजन, अस्पताल में बेड और दवाइयों की कमी से जूझ रहा प्रदेश का संक्रमित मरीज किसके सहारे है ? हालांकि, इसका कितना बेहतर परिणाम आम आदमी को मिलेगा या सिर्फ राजनीतिक स्टंट बनकर रह जाएगा ? यह तो समय ही तय करेगा.

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