पटना: बिहार में विधानसभा के 2 सीटों के लिए उपचुनाव (Bihar Assembly By-Election) हो रहे हैं. उपचुनाव में महागठबंधन के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो गया है. राजद और कांग्रेस की राहें अलग-अलग हैं. कांग्रेस नेता राजद को आंखें दिखा रहे हैं. कन्हैया कुमार, हार्दिक पटेल और जिग्नेश की एंट्री कांग्रेस में हो चुकी है. पूर्व सांसद पप्पू यादव को भी हाथ का साथ मिल चुका है. आत्मविश्वास से लबरेज कांग्रेस राजद से दो-दो हाथ के लिए तैयार है. ऐसे में तेजस्वी के लिए राह आसान नहीं दिख रही है.
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कुशेश्वरस्थान सीट की हकमारी होने पर कांग्रेस नेताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर आ गया है. पटना से लेकर दिल्ली तक मंथन का दौर चला. आखिरकार कांग्रेस ने आरपार की लड़ाई छेड़ दी है. दोनों सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर दिए. राजद पर इस बात के लिए भी दबाव बनाया गया कि वह कुशेश्वरस्थान सीट से अपना उम्मीदवार वापस ले लें. लेकिन राजद की ओर से सुलह की गुंजाइश नहीं छोड़ी गई. अंततः दोनों दलों की राहें अलग-अलग हो गई.
कन्हैया कुमार हार्दिक पटेल और जिग्नेश कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और उपचुनाव में हाथ को पप्पू यादव का साथ मिल चुका है. कांग्रेस नेताओं के तेवर सातवें आसमान पर हैं और अब कांग्रेस नेता राजद नेताओं को चुनौती देते दिख रहे हैं. कांग्रेस की ओर से साफ कर दिया है कि 2024 लोकसभा चुनाव भी पार्टी अकेले और 40 सीट पर लड़ेगी.
कांग्रेस और राजद के बीच पहले भी नूरा कुश्ती हो चुकी है. 2009 के लोकसभा चुनाव में दोनों दल अलग-अलग लड़े थे. 2010 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों दलों की राहें अलग-अलग थीं. बाद में सांप्रदायिक ताकतों से लड़ाई का हवाला देते हुए दोनों दल साथ हो लिए और अब उपचुनाव में दोनों दल ताल ठोक रहे हैं.