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'नीतीश कुमार ने बिहार वासियों को भगवान भरोसे छोड़ा, क्या निभा पाएंगे अपना वादा? ' - politics of bihar

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों जगह एनडीए की सरकार है. सीएम नीतीश कुमार ने सरकार से मदद भी मांगी. लेकिन उनकी मदद नहीं की गई.

अखिलेश सिंह
अखिलेश सिंह

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Published : May 20, 2020, 8:01 PM IST

नई दिल्ली: बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब तक 1 हजार 607 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. बिहार में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत की है.

अखिलेश सिंह ने कहा कि कोरोना से लड़ने में बिहार सरकार फेल साबित हो रही है. इस संकट के समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार वासियों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी लचर है, यह पिछले दो-तीन महीने में साबित हो गया. केंद्र और बिहार दोनों जगह एनडीए की सरकार है. लेकिन सरकार ने बिहार की कोई विशेष मदद नहीं की.

बिहार में कोरोना संकट पर अखिलेश सिंह की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार ने की अनदेखी- अखिलेश सिंह
कांग्रेस के कद्दावर नेता ने कहा कि बिहार में सीमित संसाधन हैं. पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर, दवाइयों की कमी है. नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से इन सब चीजों को ज्यादा संख्या में मुहैया कराने की मांग की थी लेकिन केंद्र सरकार ने इसकी अनदेखी कर दी.

'सत्ताधारी दल कर रहे राजनीति'
उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम है जनता की आवाज को उठाना, हम लोग अपना काम बखूबी कर रहे हैं. जनता की भी मदद कर रहे हैं लेकिन बिहार के सत्ताधारी लोग कह रहे हैं कि हम लोग राजनीति कर रहे हैं. क्या हम लोग जो पीड़ित लोग हैं उनकी आवाज न उठाएं? क्या हम लोग मजदूरों की आवाज न उठाएं? राजनीति, तो सत्ताधारी दल के लोग कर रहे हैं.

क्या निभा पाएंगे अपना वादा?- अखिलेश सिंह
राज्यसभा सांसद ने कहा कि करीब एक करोड़ से ज्यादा ऐसे मजदूर हैं, जो बिहार के बाहर काम करते हैं और सब धीरे-धीरे बिहार आ रहे हैं. बिहार सरकार ने उन सभी से वादा तो कर दिया है कि रोजगार देंगे. क्या बिहार में इतने उद्योग हैं? इतनी व्यवस्था है कि सबको बिहार सरकार रोजगार दे पाएगी? आगे चलकर बहुत कठिनाई होने वाली है.

'बीमार पड़ जाएंगे मजदूर'
अखिलेश सिंह ने कहा कि जिन क्वॉरेंटाइन सेंटरों में मजदूरों को ठहराया गया है. वहां पर न तो अच्छा खाना मिल रहा है और न ही पीने को शुद्ध पानी. वहां मजदूरों की तबीयत और बिगड़ जाएगी. जगहों पर मारामारी हो रही है, पुलिस मजदूरों को पीट रही है.

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