कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा पटना:विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया है. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि विपक्षी दलों के बैठक में जिस तरह से गठबंधन का नाम रखा गया है. उससे भारतीय जनता पार्टी बैक फुट पर आ गई है. उन्होंने कहा कि यह बहुत सार्थक नाम है.
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विपक्षी गठबंधन के नामाकरण पर सियासत: कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने इंडिया नाम को लेकर बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि इंडिया का विरोध पाकिस्तान के लोग ही करते हैं. तो इस हालत में भारतीय जनता पार्टी इंडिया का विरोध नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में यह सबसे बड़ी सार्थक पहल हुई है और गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया है.
"यह गठबंधन भारत से बेरोजगारी हटाएग, महंगाई और सांप्रदायिकता की राजनीति को खत्म करेगी. धर्म और जाति के नाम पर जो लोग राजनीति करते हैं. उसका खात्मा तय है. भाजपा के लोग भले ही बैठक के बारे में कुछ कह लें, वह कभी कहते हैं कि कोई दांया बैठा था. कोई बायां बैठा था. कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं था. कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठकर चला गया. उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. क्योंकि 26 दल पूरी तरह से एकजुट हो गया है. सभी मिलकर इस गठबंधन का नामकरण किया है."- प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस एमएलसी
कांग्रेस एमएलसी का बीजेपी पर हमला: कांग्रेस एमएलसी ने कहा कि सबका उद्देश्य एक ही है कि मोदी सरकार को गद्दी से हटाना है. उसी उद्देश्य के साथ बैठक हुई और जिस तरह से यह बैठक हुई है. जिस तरह से उसमें चर्चा की गई. उससे स्पष्ट हो गया है कि विपक्षी दल मोदी हटाने के नाम पर एक प्लेटफार्म पर आए हैं. पूरी तरह से एकजुट हैं. कहीं से भी विपक्षी दलों के इस गठबंधन में कोई भी मतांतर नहीं देखने को मिल रहा है. सभी निःस्वार्थ भाव से एकजुट हुए हैं.
NDA के 20 के पास कोई सांसद नहीं: प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि एनडीए आज कह रही है कि वह देश में सबसे बड़ा गठबंधन है. लेकिन उसमें 38 दल हैं. जिसमें 20 दल ऐसे हैं, जिनके पास एक भी संसद सदस्य नहीं हैं. वही विपक्षी दलों की जो गठबंधन बनी है. उसमें कई बड़े दल एक साथ हैं. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने पिछले साल भी एनडीए गठबंधन को 38% वोट किया था और विपक्ष में 62% वोट हुआ था. वही वोट अब एकजुट हो रहा है. सभी मिलकर मोदी सरकार को गद्दी से हटाने का काम करेंगे.
"बीजेपी बेचैन है, इसीलिए तरह-तरह के बयान उनके नेता दे रहे हैं. वह कह रहे हैं कि लालू यादव के पास एक भी लोकसभा की सीट नहीं है. लेकिन मैं कहता हूं कि लालू यादव बिहार में सबसे ज्यादा ताकतवर नेता है. उनका दल अभी भी 80 विधायकों का दल है. बिहार की राजनीति की अगर बात आएगी तो लालू यादव की पार्टी को कभी भी नकारा नहीं जाएगा. यह बात भारतीय जनता पार्टी को समझनी चाहिए. कांग्रेस ने सब कुछ समझा है और जिस तरह से विपक्षी एकता पूरे देश में हुई है. इससे नरेंद्र मोदी भी परेशान हैं. देश की जनता नहीं चाहती है कि नरेंद्र मोदी अब गद्दी पर रहे. विपक्षी दलों की एकजुट की पहल जनता की मांग पर ही की गई है."- प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस विधान पार्षद