पटना: बिहार में राजनीतिक दलों के टूटने का इतिहास बहुत पुराना है. लालू यादव के समय भी बड़े उलटफेर होते रहे हैं. नीतीश कुमार ने भी कई दलों को तोड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. आरजेडी से लेकर कांग्रेस तक में सेंध लगाई है. अभी हाल में एनडीए की सहयोगी वीआईपी के सभी सभी तीनों विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. वीआईपी के बाद एक बार फिर से बिहार कांग्रेस में टूट (Split in Bihar Congress) की चर्चा शुरू हो गई. हालांकि पहले भी कांग्रेस में टूट की चर्चा लगातार होती रही है. इस बीच कांग्रेस विधायक राजेश राम(Congress MLA Rajesh Ram) ने एकजुटता का दावा किया है. उन्होंने कहा कि किसी भी दल की तिजोड़ी में इतनी ताकत नहीं कि कांग्रेस के विधायकों को तोड़ दें.
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'इतनी ताकत नहीं कि हमें तोड़ दें': कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश राम का कहना है कांग्रेस टूटने वाली पार्टी नहीं है. सभी 19 विधायक एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े हुए कांग्रेसी विधायक हैं. कांग्रेस के कई नेता पहले जेडीयू में मिल चुके हैं, जिसमें अशोक चौधरी और कई विधान पार्षद शामिल हैं. अशोक चौधरी तो बिहार सरकार में मंत्री भी हैं लेकिन अब राजेश राम का साफ कहना है कि विधान पार्षद उसी सोच वाले होते हैं लेकिन जहां तक विधायकों की बात है कांग्रेस में कोई टूट होने वाली नहीं है. सभी कांग्रेसी पार्टी के प्रति वफादार हैं और किसी दल की तिजोरी में इतनी ताकत नहीं है कि कांग्रेस को तोड़ सके.
"अभी जितने भी विधायक जीतकर आए हैं, सभी जमीन से जुड़े हुए हैं और वफादार कांग्रेसी हैं. ये सभी 19 विधायक कांग्रेसी मानसिकता के हैं. गांधीवादी विचारधारा के लोग हैं और नेहरू के विचारों को मानने वाले हैं. इसलिए इन पर कभी कोई दल डोरा नहीं डाल पाएंगे"- राजेश राम, विधायक, कांग्रेस