पटना: बिहार में नए मंत्रिमंडल ( Bihar Cabinet Expansion) का विस्तार हो गया है. इस बार कांग्रेस के बड़े चेहरों को मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिली है. इसको लेकर बिहार कांग्रेस के बड़े नेताओं में नाराजगी है लेकिन कोई कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. नीतीश कैबिनेट के नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा (Congress MLA Ajit Sharma) ने कहा कि मंत्रिमंडल में जगह मिलना या ना मिलना कोई बड़ी बात नहीं है. हम लोगों का उद्देश्य भाजपा को रोकना है.
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'मंत्री बनना जरूरी नहीं..बीजेपी को रोकना जरूरी': अजित शर्मा ने कहा ( Ajit Sharma On Bihar Cabinet Expansion) कि बिहार और देश की हालत अच्छी नहीं है. महंगाई हद से ज्यादा बढ़ गई. नरेंद्र मोदी रोजगार की बात करते थे लेकिन लोगों को रोजगार नहीं दिया गया. बिहार में जो रिक्त पद हैं उसे पहले हम भरेंगे. महंगाई को रोकने के लिए काम किया जाएगा.सभी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई को साथ लेकर चलेगें और बिहार को विकास की नई ऊंचाईयों पर लेकर जाएंगे. मंत्री पद को लेकर मेरी कोई नाराजगी नहीं है.
"हमें बिहार देखना है. हमारे लिए मंत्री पद महत्वपूर्ण नहीं है. बिहार को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाना है. हम सभी मिलजुलकर काम करेंगे."-अजित शर्मा, कांग्रेस विधायक
'NDA को रोकने के लिए देगें हर कुर्बानी': वहीं कांग्रेस के दलित समाज से आनेवाले विधायक राजेश राम भी मन्त्री बनने के लाइन में थे लेकिन बाजी मुरारी गौतम ने मार ली. मुरारी गौतम भी दलित समाज से है जिन्हें मंत्री बनाया गया है. मंत्रिपरिषद को लेकर जब उनका कहना था कि बीजेपी को रोकने (Congress Attack On NDA) के लिए जो कुर्बानी देनी होगी वो हम देने को तैयार हैं. ये कुर्बानी बड़ी नहीं है.
"एनडीए को रोकने के लिए और बिहार से मोदी जी को रोकने के लिए कांग्रेस बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को तैयार है. यह कुर्बानी तो कुछ भी नहीं है."-राजेश राम, कांग्रेस विधायक
अजित शर्मा को नहीं मिली जगह: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मंगलवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. इससे पहले तक भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा (Arrest Warrant Against MLA Ajit Sharma) का नाम सबसे आगे चल रहा था. उनका मंत्री बनना तय माना जा रहा था. लेकिन नीतीश कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं दी गई.
दिल्ली गए थे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा :बहरहाल मंत्री पद नहीं मिलने से बिहार कांग्रेस के बड़े नेता भले ही कुछ न बोले और सबकुछ ठीक होने के दावे करे लेकिन उनके बयानों से उनकी नाराजगी साफ दिखती है. प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने नई सरकार बनने के बाद कई बार आलाकमान से भी मुलाकात की थी. लेकिन राजद ने सवर्ण की सीट अपने कोटे से देने की बात की. जगदानन्द सिंह के बेटे सुधाकर सिंह और अनन्त सिंह के चहेते एमएलसी कार्तिक सिंह को मंत्री बनाने की बात कही, उससे कहीं ना कहीं कांग्रेस के सवर्ण नेता मदन मोहन झा (Bihar Congress President Madam Mohan Jha) और अजित शर्मा को निराशा हाथ लगी है.
महागठबंधन 2.0 में MY पर विशेष ध्यान:मंगलवार को बिहार में 31 नए मंत्रियों ने शपथ (Nitish Cabinet Expansion) ली. इसमें यादव से 8 मंत्री, मुस्लिम से 5, अनुसूचित जाति से 5, ईबीसी से 4, कुशवाहा से 2, राजपूत से 3, भूमिहार से 2, ब्राह्मण और वैश्य से एक-एक मंत्री बनाए गए हैं. कांग्रेस में चेनारी से विधायक मुरारी गौतम (दलित) और कस्बा से विधायक अफाक अहमद (मुस्लिम) को मंत्री पद दिया गया है.
नीतीश मंत्रीमंडल में RJD कोटे से मंत्री : हसनपुर विधायक तेजप्रताप यादव (यादव), उजियारपुर से विधायक आलोक मेहता (कुशवाहा), नोखा से विधायक अनिता देवी, फतुहा से विधायक रामानंद यादव (यादव), बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव (यादव), बोधगया से विधायक कुमार सर्वजीत (जाटव), मधुबनी से विधायक समीर कुमार महासेठ, जोकीहाट से विधायक मोहम्मद शाहनवाज (मुस्लिम), मधेपुरा से विधायक चंद्रशेखर (यादव), कार्तिकेय मास्टर, कांटी से विधायक इसराइल मंसूरी (मुस्लिम), रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह (राजपूत), नरकटिया से विधायक शमीम अहमद (मुस्लिम), गरखा से विधायक सुरेंद्र राम (जाटव), साथ ही जिंतेंद्र राय और ललित यादव को मंत्री बनाया गया हैं.
नीतीश मंत्रीमंडल में JDU कोटे से मंत्री :जेडीयू में सरायरंजन से विधायक विजय चौधरी (भूमिहार), चैनपुर से विधायक जमा खान (मुस्लिम), अमरपुर से विधायक जयंत राज (कुशवाहा), भोरे से विधायक सुनील कुमार (जाटव), सुपौल से विधायक विजेंद्र यादव (यादव), एमएलसी संजय झा (ब्राह्मण), एमएलसी अशोक चौधरी (पासी), नालंदा से विधायक श्रवण कुमार (कुर्मी), धमदाहा से विधायक लेसी सिंह (राजपूत), बहादुरपुर से विधायक मदन सहनी (मछुआरा) और फुलपरास से विधायक शिला मंडल(धानुक) को मंत्री बनाया गया है.