पटना: प्रदेश में साल के अंत यानी नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. इसको लेकर सभी सियासी दलों ने अभी से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, सीटों के बंटवारा को लेकर भी पार्टियां अभी से ही सतर्क है.
लोकसभा चुनाव में हार से सबक लेते हुए महागठबंधन में अभी से ही सीट शेयरिंग को लेकर तलवारें खिंच गई हैं. एक ओर जहां कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में 80 सीटों पर चुनावी दांव खेलने का मन बना लिया है. वहीं, राजद ने इसपर कड़ी आपत्ति जताते हुए तेजस्वी के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है.
'शीर्ष नेतृत्व करेगी अंतिम फैसला'
कांग्रेस के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार है. जहां तक चुनाव को लेकर सवाल हो तो घटक दलों में दावा करना सभी पार्टी का अधिकार है. राजद नेता ने अपना स्टैंड क्लियर करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. वहीं, सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगी.
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी ने आगामी 2020 के विधानसभा चुनाव में 80 सीटों पर कांग्रेस का दावा ठोका. इससे साफ जाहिर है कि चुनाव में महागठबंधन के घटक दलों के बीच आसानी से सीट शेयरिंग का फॉर्मूला निकलना मुश्किल है. इतना ही नहीं कांग्रेस फिलहाल तेजस्वी यादव को भी महागठबंधन का नेता मानने को भी तैयार नहीं है.