पटनाःकोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़े के लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने इसके आंकड़े पेश करते हुए कहा कि बिहार में कोरोना की रफ्तार अन्य राज्यों की अपेक्षा धीमी है. इसपर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश कुमार यमराज बन गये हैं और सुशील कुमार मोदी उनके मुंशी बनकर बिहार की जनता को मूर्ख बना रहे हैं.
मरीजों की संख्या में हो रहा इजाफा
बिहार मे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 30 हजार के पार हो चुकी है. हर दिन मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मरीजों के बढ़ते आंकड़े के बीच ट्वीट करते हुए कहा था कि बिहार में 18 हजार 515 संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं. जबकि 216 लोगों की मौत हो गई है.
कोरोना के आंकड़े पर कांग्रेस का पलटवार 'सो रही है सरकार'
सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस शासित राज्यों के आंकड़े पेश करते हुए बताया कि राजस्थान में 576, पंजाब में 466 जबकी महाराष्ट्र में 12 हजार 030 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. इन राज्यों की अपेक्षा बिहार ठीक स्थिति में है. डीप्टी सीएम के बयान के बाद कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में कोरोना कहर बनकर बरस रहा है और सरकार सो रही है.
डिप्टी सीएम सुशील मोदी का ट्वीट 'दूसरे राज्यों से कर रहे तुलना'
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि संक्रमित मरीजों की लगातार मौत हो रही है. आम से लेकर खास लोग भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में उपमुख्यमंत्री आकड़ें पेश करके दूसरे राज्यों से तुलना कर रहे हैं. हम उनसे पूछना चाहते हैं कि आप किस राज्य से तुलना करना चाहते हैं? हम उनसे आग्रह करते हैं कि आकड़ें पेश करना बंद किजिए और काम करना शुरू किजिए.
'सरकार को नहीं है लोगों की चिंता'
राजेश राठौर ने कहा कि लोगों को बचाने पर ध्यान देना चाहिए लेकिन सरकार इसकी चिंता नहीं है. वो आराम से सो रहे हैं. उन्होंने कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यमराज हैं और उपमुख्यमंत्री उनके मुंशी बने हुये हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना तेजी से अपने पांव पसार रहा है. कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य मंत्रालय की तीन सदस्यीय केन्द्रीय टीम बिहार के दौरे पर आई थी. उन्होंने भी राज्य में कोरोना संक्रमण के हालात को देखकर इसपर चिंता व्यक्त की थी. मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या ने बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं.