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विधानसभा उपचुनावः महागठबंधन में सीट को लेकर अपने-अपने दावे, बंटवारे पर गतिरोध बरकरार

एनडीए ने बिहार उपचुनाव के दो सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए उम्मीदवार के नामों की घोषणा कर दी है. लेकिन अब भी महागठबंधन में असमंजस की स्थिति है. राजद दोनों सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. लेकिन कांग्रेस का कहना है कि कुशेश्वरस्थान पर पिछली बार हमारी पार्टी जीत के करीब थी. पढ़ें रिपोर्ट...

पटना
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Published : Oct 2, 2021, 10:47 PM IST

पटना: बिहार में तारापुर (Tarapur) और कुशेश्वरस्थान(Kusheshwarsthan) विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (By-Election) होने हैं. दोनों सीट जदयू के खाते में थी. इसी कारण जदयू के सामने सीट और साख दोनों बचाने की चुनौती है. राजद और कांग्रेस में अंतर्द्वंद है. वहीं जातिगत समीकरण भी महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती है. एनडीए ने दोनों स्थानों से उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. लेकिन अब तक महागठबंधन में उम्मीदवारों के नाम पर बातें चल रही हैं.

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बिहार में एनडीए की सरकार है. संख्या बल के हिसाब से एनडीए बहुमत के बिल्कुल करीब है. जानकारी दें कि जदयू के दो विधायकों की मौत हो गई थी. कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. जदयू के समक्ष दोनों सीटों को बचाने की चुनौती है. फिलहाल जदयू के 41 विधायक हैं और राजद के 75 विधायक हैं. दोनों दल उपचुनाव में संख्या बल को बढ़ाना चाहते हैं.

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तारापुर विधानसभा सीट पर जदयू ने कोइरी जाति के उम्मीदवार राजीव कुमार को मैदान में उतारा है. कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर दलित उम्मीदवार पर पार्टी ने दांव लगाया है. 8 अक्टूबर तक नामांकन का पर्चा भरने की अंतिम तिथि है. लेकिन अब तक आरजेडी और कांग्रेस के बीच में सहमति नहीं बन पाई है. जिसके चलते उम्मीदवार घोषित नहीं किए जा सके हैं.

पिछली चुनाव में कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस उम्मीदवार अशोक राम काफी कम मतों के अंतर से चुनाव हारे थे. कांग्रेस अशोक राम को फिर से मैदान में उतारना चाहती है. तारापुर विधानसभा सीट से जयप्रकाश यादव की पुत्री दिव्य प्रकाश चुनाव लड़ी थी. चुनाव में दिव्य प्रकाश को शिकस्त मिली थी.

दरअसल, तारापुर विधानसभा सीट पर लंबे समय से जदयू का कब्जा रहा है. 2010 में नीता चौधरी ने बाजी मारी थी, तो 2015 और 2020 में उनके पति मेवालाल चौधरी चुनाव जीते थे. तारापुर विधानसभा सीट पर इस बार राजद नॉन यादव कैंडिडेट उतारने की तैयारी में है.

तारापुर विधानसभा में 48000 यादव, 40000 कुशवाहा, 25000 वैश्य और 22000 राजपूत के साथ-साथ भूमिहार की वोटरों की संख्या 17000 के आसपास है. अति पिछड़ा वोट 35000 के करीब है. राजद तारापुर विधानसभा सीट पर वैसे या कुशवाहा जाति के उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है. अब बता दें कि कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर कांग्रेस और राजद के बीच सहमति नहीं बनी है. राजद दोनों सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. कांग्रेस कुशेश्वरस्थान सीट छोड़ने को तैयार नहीं है.

'विधानसभा चुनाव के दौरान भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में उम्मीदवार की घोषणा की थी. लेकिन नतीजा हमारे पक्ष में आया. इस बार भी सहमति बनने के बाद हम लोग उम्मीदवार घोषित कर देंगे और हमारी जीत तय है.'-एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता

'कांग्रेस और राजद में सीटों को लेकर सहमति नहीं बनी. ऐसे में उनके लिए जीत का दावा दिवास्वप्न है. एनडीए प्रत्याशी दोनों सीटों पर चुनाव जीतेंगे.'-अरविंद सिंह, भाजपा प्रवक्ता

'कुशेश्वरस्थान सीट को लेकर कोई विवाद नहीं है. विधानसभा चुनाव में भी हम वहां चुनाव लड़े थे. इस बार भी कांग्रेस पार्टी कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.'-असीत नाथ तिवारी, प्रवक्ता, कांग्रेस

'कई बार उपचुनाव विरोधी पार्टी को जीत हासिल होती है लेकिन इस बार मैदान वही मारेगा जो जातिगत वोट बैंक साधने में कामयाब होगा. जदयू ने तो उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. अगर उसी हिसाब से महागठबंधन जातिगत वोट बैंक को साधते हुए उम्मीदवार घोषित करती है, तो ऐसी स्थिति में मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.'-डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

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