पटना: बिहार में तारापुर (Tarapur) और कुशेश्वरस्थान(Kusheshwarsthan) विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (By-Election) होने हैं. दोनों सीट जदयू के खाते में थी. इसी कारण जदयू के सामने सीट और साख दोनों बचाने की चुनौती है. राजद और कांग्रेस में अंतर्द्वंद है. वहीं जातिगत समीकरण भी महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती है. एनडीए ने दोनों स्थानों से उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. लेकिन अब तक महागठबंधन में उम्मीदवारों के नाम पर बातें चल रही हैं.
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बिहार में एनडीए की सरकार है. संख्या बल के हिसाब से एनडीए बहुमत के बिल्कुल करीब है. जानकारी दें कि जदयू के दो विधायकों की मौत हो गई थी. कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. जदयू के समक्ष दोनों सीटों को बचाने की चुनौती है. फिलहाल जदयू के 41 विधायक हैं और राजद के 75 विधायक हैं. दोनों दल उपचुनाव में संख्या बल को बढ़ाना चाहते हैं.
तारापुर विधानसभा सीट पर जदयू ने कोइरी जाति के उम्मीदवार राजीव कुमार को मैदान में उतारा है. कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर दलित उम्मीदवार पर पार्टी ने दांव लगाया है. 8 अक्टूबर तक नामांकन का पर्चा भरने की अंतिम तिथि है. लेकिन अब तक आरजेडी और कांग्रेस के बीच में सहमति नहीं बन पाई है. जिसके चलते उम्मीदवार घोषित नहीं किए जा सके हैं.
पिछली चुनाव में कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस उम्मीदवार अशोक राम काफी कम मतों के अंतर से चुनाव हारे थे. कांग्रेस अशोक राम को फिर से मैदान में उतारना चाहती है. तारापुर विधानसभा सीट से जयप्रकाश यादव की पुत्री दिव्य प्रकाश चुनाव लड़ी थी. चुनाव में दिव्य प्रकाश को शिकस्त मिली थी.
दरअसल, तारापुर विधानसभा सीट पर लंबे समय से जदयू का कब्जा रहा है. 2010 में नीता चौधरी ने बाजी मारी थी, तो 2015 और 2020 में उनके पति मेवालाल चौधरी चुनाव जीते थे. तारापुर विधानसभा सीट पर इस बार राजद नॉन यादव कैंडिडेट उतारने की तैयारी में है.