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बिहार विधान परिषद चुनाव: सीट शेयरिंग का फॉर्मूला नहीं निकला तो सहयोगी दलों के बीच होकर रहेगी 'फ्रेंडली फाइट' - पटना न्यूज

बिहार में विधान परिषद की लोकल बॉडी से चुने जाने वाले 24 विधान परिषद सीटों का चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. सीट शेयरिंग को लेकर पेंच इतना फंस गया है कि अब तक बीजेपी और जेडीयू में सीट शेयरिंग (Seat Sharing Between BJP And JDU) का फॉर्मूला तय नहीं हो पा रहा है. इस बीच वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने सभी 24 सीटों पर लड़ने की बात कहकर परेशानी बढ़ा दी है. जो स्थिति है, उससे साफ लगता है कि बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) में गठबंधन के सहयोगी दलों में फ्रेंडली फाइट हो सकती है.

बिहार एनडीए में घमासान
बिहार एनडीए में घमासान

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Published : Jan 24, 2022, 7:20 PM IST

पटना:बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर इन दिनों बिहार एनडीए में घमासान (Dispute in Bihar NDA) मचा हुआ है. एक तरफ तो बीजेपी और जेडीयू में सीट शेयरिंग (Seat Sharing Between BJP And JDU) को लेकर पेंच फंसा हुआ है, ऊपर से सहयोगी पार्टी हम, वीआईपी और आरएलजेपी ने भी अपनी दावेदारी जताकर मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जेडीयू की तरफ से पटना, सारण, सिवान, मधुबनी जैसी सीटों पर दावेदारी हो रही है. पार्टी ने कुछ उम्मीदवारों को अपना सिंबल भी दे दिया है, जिसमें बीजेपी की मधुबनी वाली सीट भी शामिल है. दूसरी तरफ बीजेपी 13 सीटों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि बीजेपी अपनी 3 सीट पर नए उम्मीदवार देगी, यह तय माना जा रहा है. औरंगाबाद के बीजेपी के उम्मीदवार ने पहले ही चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया है.

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वहीं, एनडीए के सहयोगी जीतनराम मांझी ने मगध सहित 2 सीटों की मांग की है. उधर पशुपति पारस ने भी वैशाली सहित 2 सीटों की मांग की है. जबकि मुकेश सहनी भी सीट चाहते हैं. ऐसे में एनडीए में फिलहाल सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. महागठबंधन में भी आरजेडी और कांग्रेस के बीच सहमति नहीं बनी है. हालांकि आरजेडी ने ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं. ऐसी स्थिति में दोनों गठबंधन में फ्रेंडली फाइट हो सकती है.

शुरुआत में जेडीयू की तरफ से 50-50 फार्मूले की मांग की गई थी. पार्टी लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह ही बिहार विधान परिषद चुनाव में भी उसी फार्मूले से सीट बंटवारा चाह रही थी लेकिन उस पर बीजेपी तैयार नहीं हुई. 13 सीट के अलावे बचे हुए 11 सीट जेडीयू को देने के लिए बीजेपी तैयार है. उसमें भी शर्त यह है कि उसी में से हम पार्टी को भी देना होगा. अब जेडीयू जीतनराम मांझी को सीट देता है या नहीं, यह देखने वाली बात है लेकिन बीजेपी ने अपने कोटे से वीआईपी को एक भी सीट नहीं देने की बात साफ कर दी है. उधर वीआईपी की तरफ से भी सभी 24 सीटों पर तैयारी करने की बात कही गई है. वहीं केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की आरएलजेपी भी 2 सीटों पर दावेदारी कर रही है.

जेडीयू विधान परिषद की 24 में से गया-जहानाबाद-अरवल, नालंदा, भोजपुर, पटना, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी-शिवहर, भागलपुर-बांका, मुंगेर-जमुई-लखीसराय पर तो अपनी दावेदारी कर ही रहा है. इसके अलावा जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार मधुबनी, सिवान और सारण सहित कुछ और सीटों पर दावेदारी ठोक रही है. मधुबनी सीट बीजेपी का सीटिंग सीट है, जबकि सिवान भी बीजेपी के कोटे की सीट है.

जेडीयू की तरफ से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी नेताओं से बातचीत कर चुके हैं लेकिन अभी तक जेडीयू ने पत्ता नहीं खोला है. वहीं बीजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने केंद्रीय नेताओं से बातचीत के बाद साफ कर दिया है कि 13 सीट पर बीजेपी लड़ेगी और वीआईपी को एक भी सीट नहीं देंगे.

हालांकि बीजेपी की ओर से 24 में से 13 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान पर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि अभी तक किसी भी दल की तरफ से आधिकारिक रूप से सीटों की घोषणा नहीं हुई है. जो कोई नेता कुछ भी कह रहे हैं, वह अपनी तरफ से बयान दे रहे हैं. अभी तक कोई बात अंतिम स्थिति तक नहीं पहुंची है, जब घोषणा होगी तो आप लोगों को जानकारी दे दी जाएगी. जहां तक मांझी और मुकेश सहनी की दावेदारी की बात है तो अभी कोई डिसीजन ही नहीं हुआ है, इसलिए अगर वो लोग कुछ कहते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है.

"अभी तक किसी भी दल की तरफ से आधिकारिक रूप से सीटों की घोषणा नहीं हुई है. जो कोई नेता कुछ भी कह रहे हैं, वह अपनी तरफ से बयान दे रहे हैं. अभी तक कोई बात अंतिम स्थिति तक नहीं पहुंची है, जब घोषणा होगी तो आप लोगों को जानकारी दे दी जाएगी"- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है एनडीए में पूरी तरह से सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है. इसीलिए सीटों की घोषणा नहीं हो रही है. एनडीए में जेडीयू और बीजेपी समेत चार दल हैं. अब तो पशुपति पारस की आरएलजेपी भी शामिल है. सभी की तरफ से सीटों की दावेदारी हो रही है. ऐसे में जो स्थिति बन रही है, उसमें साफ है कि सभी दलों के बीच सीटों का बंटवारा आसान नहीं है. एनडीए के अंदर फ्रेंडली फाइट हो सकती है. वे कहते हैं कि महागठबंधन में अधिकांश सीटों पर उम्मीदवारों का फैसला हो चुका है. कांग्रेस क्या करेगी, यह भी देखना होगा.

"एनडीए में पूरी तरह से सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है. इसीलिए सीटों की घोषणा नहीं हो रही है. एनडीए में जेडीयू और बीजेपी समेत चार दल हैं. अब तो पशुपति पारस की आरएलजेपी भी शामिल है. सभी की तरफ से सीटों की दावेदारी हो रही है. ऐसे में जो स्थिति बन रही है, उसमें साफ है कि सभी दलों के बीच सीटों का बंटवारा आसान नहीं है. एनडीए के अंदर फ्रेंडली फाइट हो सकती है. उधर, महागठबंधन में अधिकांश सीटों पर उम्मीदवारों का फैसला हो चुका है. कांग्रेस क्या करेगी, यह भी देखना होगा"- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

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बिहार एनडीए में जहां जेडीयू और बीजेपी के बीच ही सीटों पर पेच फंसा हुआ है तो वहीं जीतनराम मांझी, मुकेश सहनी और पशुपति पारस को खुश करना आसान नहीं है. न तो बीजेपी अपने कोटे से कोई भी सीट देने के लिए तैयार है और ना ही जेडीयू. ऐसे में जेडीयू और बीजेपी के अलावा किसी अन्य दल को एनडीए में कोई सीट मिलेगी, इसकी संभावना कम है. वहीं महागठबंधन खेमे में आरजेडी अधिकांश सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहा है. जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक 20 सीटों पर उम्मीदवार भी आरजेडी की तरफ से तय कर दिया गया है. 4 सीट ही माले और अन्य वामपंथी दलों के लिए छोड़ा गया है. आरजेडी से समझौता होने की उम्मीद कम है. अगर समझौता नहीं होता है तो कांग्रेस की तरफ से भी कई सीटों पर उम्मीदवार उतारा जाएगा. ऐसे में ये तय है कि एनडीए और महागठबंधन में सहयोगी दलों के बीच फ्रेंडली फाइट हो सकती है.

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