पटना:बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले विधान परिषद चुनाव भी होने हैं. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के अंदर नेताओं ने दौड़ लगाना शुरू कर दिया है. फिलहाल, भाजपा कोटे के 3 विधान पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. लेकिन, विधायकों की संख्या के हिसाब से भाजपा केवल दो ही विधान पार्षदों को आगे कर सकती है.
बिहार में होने वाले विधान परिषद चुनाव को लेकर दलों के अंदर रस्साकशी शुरू हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी में कई दावेदार हैं जो विधान परिषद के टिकट चाहते हैं. 3 विधान पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है और विधायकों की संख्या के हिसाब से 2 ही दोबारा चुने जा सकते हैं.
ईटीवी भारत संवाददाता रंजीत की रिपोर्ट ये लोग पेश कर रहे दावेदारी
बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी संजय मयूख, कृष्ण कुमार सिंह और राधा मोहन शर्मा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. भारतीय जनता पार्टी के अंदर जो नेता विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकते उनकी नजरें विधान परिषद सीटों पर हैं. दावेदारों की फेहरिस्त काफी लंबी है. मुख्यालय प्रभारी सुरेश रुंगटा, प्रदेश महामंत्री देवेश कुमार, सम्राट चौधरी, जनक, ऋतुराज सिंह, अमरेंद्र प्रसाद सिंह, राजेंद्र सिंह, राकेश सिंह, राजेंद्र गुप्ता, जय नाथ चौहान, प्रमोद चंद्रवंशी, राजेश वर्मा और अजीत चौधरी का नाम भी दावेदारों की सूची में शामिल है.
शीर्ष नेतृत्व लेगा अंतिम फैसला
बता दें कि राज्यपाल कोटे से 12 विधान पार्षद चुने जाने हैं. भाजपा 12 में कम से कम 5 पर दावा ठोकना चाहती है. ऐसी परिस्थिति में पार्टी 7 लोगों को विधान परिषद भेज सकती है. भाजपा प्रवक्ता अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा है कि पार्टी के अंदर कई दावेदार हैं. लेकिन इस पर अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है. केंद्रीय नेतृत्व की ओर से जिसके नाम पर मुहर लगेगी, वह विधान परिषद भेजे जाएंगे. वहीं, मुख्यालय प्रभारी सुरेश रूंगटा ने कहा कि राजनीति में आने वाला हर व्यक्ति पद पाना चाहता है. इस पर पार्टी अंतिम फैसला लेती है.