पटना:अगर किसी शिक्षण संस्थान को बंद किया जाए तो उसका नुकसान छात्रों को उठाना पड़ता है. ऐसे में संस्थानों को बंद करने के पीछे का कारण राजनीति होता है. बिहार में मदरसे की राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. पहले बिहार में बम हुए धमाकों ने और अब फुलवारी शरीफ मॉड्यूल (Phulwari Sharif Module) ने मदरसों को एक बार फिर से निशाने पर ला दिया है. इसपर जदयू और बीजेपी आमने-सामने (Conflict Between BJP JDU ) है.
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मदरसे पर घमासान: बिहार में मदरसा की गतिविधियों को लेकर बीजेपी की तरफ से पहले भी सवाल उठते रहे हैं. सरकार में रहते हुए बीजेपी के मंत्रियों नीरज कुमार बबलू और विवेक मिश्रा ने एक बार फिर से मदरसों की निगरानी और जांच की मांग की है. मोतिहारी के ढाका स्थित मदरसा से गिरफ्तार किए गए शिक्षक के बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन से तार जुड़े होने की खबर के बाद यह मांग जोर पकड़ रही है. वहीं जदयू का साफ कहना है कि जहां शिकायत मिलती है वहां जांच होती है लेकिन कुछ शिकायतों के कारण सभी मदरसों की जांच हो यह सही नहीं है.
आमने-सामने जदयू और बीजेपी:दरअसल बांका में पिछले साल मदरसा में विस्फोट हुआ था. उस समय भी यह मामला तूल पकड़ा था. अब मोतिहारी के ढाका में एक मदरसा से शिक्षक की गिरफ्तारी हुई है और उसकी संलिप्तता बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन से होने की खबर के बाद बिहार सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग के मंत्री नीरज कुमार बबलू ( BJP On Madrasa) और जीवेश मिश्रा ने मांग की है कि मदरसों की जांच और निगरानी की जाए. सरकार में रहते हुए बीजेपी के मंत्री की यह मांग जदयू ( JDU On Madrasa) के लिए परेशानी का सबब बन गया है.
जदयू की बीजेपी को नसीहत: बीजेपी के मंत्रियों की मांग पर जदयू कोटे से समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी का कहना है कि मांग तो कोई भी कर सकता है. जहां से भी गड़बड़ी की संभावना रहती है वहां जांच होती है. जांच नहीं होता तो इतना बड़ा मामला पकड़ में कैसे आता. वहीं परिवहन मंत्री शीला मंडल का कहना है कि सब को बोलने की स्वतंत्रता है लेकिन मैं इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना नहीं चाहती हूं.