पटना: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या आयुष्मान भारत योजना पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में से एक है. 1 अप्रैल 2018 में को इसे पूरे देश में लागू किया गया था. इस योजना का एकमात्र उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों(बीपीएल धारक) को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है. कई राज्य इस योजना का लाभ उठाने में काफी आगे चल रहे हैं. लेकिन, बिहार इस मामले में बहुत ही पीछे है.
अग्रणी राज्यों में तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक शामिल हैं. देशभर में आयुष्मान योजना की कुल राशि का आधा दर्जन राज्य 50% से अधिक राशि खर्च कर रहे हैं. लेकिन, बिहार जो कि जनसंख्या के मामले में सबसे बड़े राज्यों में से एक है, वह फिसड्डी साबित हो रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो इसका बड़ा कारण बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी होना है. वहीं, अधिकारी साफ कह रहे हैं कि आयुष्मान योजना पर तेजी से काम हो रहा है. आने वाले 3 महीनों में बेहतर रिजल्ट दिखेंगे.
जानें कौन सा प्रदेश किस पायदान पर है....
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 2018 में शुरू हुई थी. इस योजना के तहत सितंबर 2019 तक कुल 7581 करोड़ की राशि गरीबों के मुफ्त इलाज पर खर्च किए गए हैं. इस राशि में सर्वाधिक खर्च तमिलनाडु में हुआ है. दूसरे स्थान पर गुजरात और उसके बाद आंध्रप्रदेश का नंबर है. बिहार और यूपी जहां देश की कुल आबादी के 30 करोड़ लोग निवास करते हैं, वहां यह योजना हाथी के दांत साबित हो रही है.
इस राज्य में इतने लोग हुए लाभांवित
गुजरात- 8,34,658 लोग
तमिलनाडु- 6,04,145 लोग
छत्तीसगढ़- 5,52,581 लोग
आंध्र प्रदेश- 3,44,876 लोग
झारखंड- 2,79,029 लोग
बिहार में केवल- 90,620 लोग