पटना:हाल के कुछ महीनों में भाजपा और जदयू के बीच जमकर बयानबाजी हुई है. जिसके कारण कई तरह के कयास लग रहे थे. अब बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) के साथ 2025 के बाद भी गठबंधन (BJP JDU Alliance In Bihar ) बने रहने की बात कह कर उन सभी कयासों पर विराम लगा दिया है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में दोनों दलों के बीच की तल्खी ज्यादा बढ़ी है. पहले तो अग्निवीर योजना को लेकर दोनों के बीच तलवारें खींची और उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर स्थिति अस्पष्ट होने के बाद से खाई और बढ़ गई है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने दूरी पाटने की कोशिश जरूर की है.
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भाजपा-जदयू के रिश्ते में नहीं है गर्मजोशी:23 अप्रैल 2020 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विजयोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लेने पटना पहुंचे थे. बिहार में तिरंगा फहराने का विश्व रिकॉर्ड बना था. कुंवर सिंह के धरती से अमित शाह ने हुंकार भरी थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब पटना पहुंचे थे तब एयरपोर्ट पर जेडीयू के तमाम कद्दावर नेता उनके स्वागत के लिए मौजूद थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा विजय चौधरी, अशोक चौधरी और श्रवण कुमार ने गृह मंत्री का स्वागत किया था लेकिन 2 महीने बाद परिस्थितियां बदल गईं. अमित शाह पटना पहुंचे लेकिन जदयू की ओर से अमित शाह के स्वागत के लिए कोई नहीं गया. सीएम नीतीश कुमार कोरोना संक्रमित थे.
इन घटनाओं ने बढ़ा दी बीजेपी-जदयू की तल्खी: 3 महीने के दौरान तीन राजनीतिक घटनाएं हुईं. पहला तो द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया और जदयू ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन किया. इसी दौरान अग्निवीर को लेकर भाजपा और जदयू के बीच तल्खी बढ़ गई. भाजपा नेताओं पर आंदोलनकारियों ने निशाना साधा और आनन-फानन में केंद्र की सरकार के द्वारा भाजपा नेताओं को सुरक्षा घेरे में लिया गया. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए. संजय जायसवाल के बेतिया स्थित आवास पर हमले के बाद उन्होंने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप तक लगा डाला था. वहीं तीसरी वजह उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारी को माना जा रहा है. भाजपा ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके धनखड़ को उम्मीदवार बनाया है.
शीर्षस्थ नेताओं के बयानों ने बढ़ाई दूरी: बदलते घटनाक्रम को लेकर भाजपा और जदयू के रिश्तो में खाई बढ़ती गई और जदयू नेताओं के सुर भी बदलने लगे. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि गठबंधन कब तक है किसी को नहीं पता. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि अभी तक हम भाजपा के साथ हैं. राजनीतिक संकट की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार पहुंचे. संयुक्त मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यसमिति में अमित शाह 1 घंटे रहे लेकिन 5 घंटे तक भाजपा दफ्तर में अमित शाह की भाजपा नेताओं के साथ मैराथन बैठक चली.
नौकरशाहों ने आग में डाला घी: बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू, रामसूरत राय, प्रदीप कुमार मिश्रीलाल सरीखे नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष अपनी बात रखी. ज्यादातर लोगों ने नौकरशाहों को लेकर नीतीश कुमार के रवैया पर सवाल खड़े किए. कोर कमेटी की बैठक में भी जदयू के रुख पर चर्चा हुई और नेताओं ने कहा कि नीतीश कुमार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को तवज्जों नहीं देते हैं. सीएम अलग राजनीतिक राह अख्तियार करना चाह रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री ने नेताओं को नेतृत्व विकसित करने की नसीहत दी.
एक बार फिर से बयानबाजी शुरू:राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार का मानना है कि नीतीश कुमार फिलहाल गठबंधन में असहज दिख रहे हैं. वहीं BJP के शीर्ष नेताओं के बयान से JDU खुश नजर आ रही है. बीजेपी भी बैकफुट पर है तो विपक्ष ने एक बार फिर से इसे बेमेल गठबंधन करार दिया है.