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पटना नगर निगम: विभागों के बीच समन्वय की कमी बिगाड़ रही शहर की सूरत - bad condition of patna city

राजधानी पटना शहर स्मार्ट सिटी बनाने का प्रयास जारी है. वहीं कई विभाग बिना समन्वय बनाए या जहां पर ताजा निर्माण कार्य हुआ है उसकी खुदाई कर उसे ठीक कराने की जहमत नहीं उठाते. जिससे आम लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है और शहर का सौंदर्यीकरण भी नहीं हो पा रहा है.

पटना नगर निगम
पटना नगर निगम

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Published : Jan 9, 2021, 11:00 AM IST

Updated : Jan 9, 2021, 5:24 PM IST

पटनाः जब विभागों में आपसी सहमति नहीं हो तो काम कितना मुश्किल हो जाता है. यह देखना हो तो पटना आइए. निगम के क्षेत्र में एक काम के लिए अनेकों बार शहर की हालत बिगाड़ी जा रही है. लेकिन निगम प्रशासन सभी विभागों से समन्वय ठीक होने की नसीहत दे रहा है.

पटना में आम लोग त्रस्त
पटना की हालत इन दिनों बेहाल है. केंद्रीय परियोजना जैसे नमामि गंगे के तहत सीवरेज का काम हो रहा है. गैस पाइपलाइन बिछाने का भी कार्य किया जा रहा है. जिस वजह से शहर के सड़कों को इन दिनों खोद दिया गया है. कहने को तो नगर निगम के पास शहर को सुंदर बनाने का जिम्मा है. लेकिन निगम शहर में लोगों की परेशानी को दरकिनार कर चुका है.

देखें रिपोर्ट

राजधानी पटना में आम लोगों को इन दिनों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की परेशानी को देखते हुए, कुछ दिन पहले पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू ने बुडको के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई थी. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि विभागों में समन्वय नहीं स्थापित हो रहा.

पटना नगर निगम

'शहर के कार्यों पर नहीं हमारा नियंत्रण'
शहर में हो रहे अनियंत्रित कार्यों को लेकर नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि जिस तरह से शहर में कार्य हो रहे हैं. उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं हो पा रहा है. बिना एनओसी लिए अन्य विभाग नगर निगम क्षेत्र में अपना कार्य कर रहे हैं. सरकार ने तो हमें एक स्वायत्त संस्था जरूर बनाया है. लेकिन निगम को मजबूत करने के लिए सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्य नहीं किए जा रहे हैं.

सड़क पर सीवरेज वर्क

इंद्रदीप चंद्रवंशी ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि 74 वें संविधान संशोधन के अनुसार जितने अधिकार नगर निगम को दिए गए थे. उन तमाम अधिकारों को सरकार द्वारा अमल नहीं किया जा रहा है. आज स्थिति यह है कि पटना नगर निगम को जिला प्रशासन सीरियस नहीं लेता है और ना ही कोई एजेंसी. निगम क्षेत्र में कार्य कर रही कोई ऐजेंसी भी निगम को सीरियस नहीं ले रही है.

जलापूर्ति योजना

'पटना नगर निगम आज लाचार महसूस कर रही है, देखा जा रहा की सड़कों पर गढ्ढे खुदे हैं, पटना नगर निगम को सरकार एक असहाय संस्था के तौर पर सरकार ट्रीट कर रही है. पटना नगर निगम को मजबूत करने के लिए सरकार की तरफ से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है'-इंद्रदीप चंद्रवंशी, सदस्य अस्थाई समिति, पीएमसी

शहर में सफाई के इंतजाम

एनओसी तक नहीं लेते कई विभाग
शहर के प्रति कोई जवाबदेही किसी के पास है, तो नगर निगम के पास होती है. लेकिन पुल निर्माण निगम हो या पथ निर्माण निगम या संबंधित जितने भी विभाग हैं. दूरसंचार हो या फिर विद्युत विभाग कोई भी विभाग हमसे एनओसी लेना मुनासिब नहीं समझते हैं. इसलिए यह साफ है कि हमारा समन्वय किसी विभाग के साथ नहीं हो पा रहा है. यहां कोई भी विभाग नगर निगम क्षेत्र में अपना काम करके निकल जा रहा है.

इंद्रजीत चंद्रवंशी ने बताया कि कहने को पटना नगर निगम स्वयत्त संस्था है. यह संस्था सिर्फ नगर विकास विभाग के अधीन अपना कार्य कर रही है.

समन्वय की कमी

फाइनल स्टेज में 8 जलमीनार का काम
पटना नगर निगम क्षेत्र में जलापूर्ति योजना को लेकर विभाग की तरफ से क्या कुछ किया जा रहा है. टैक्स चोरी को लेकर कोई उपाय किए गए हैं या नहीं. इस सवाल पर इंद्रदीप चंद्रवंशी बताते हैं, पहले नगर निगम की आमदनी का जरिया जलापूर्ति भी था. लेकिन सरकारी पेंच की वजह से पिछले कई वर्षों से हमलोग कोई कार्य नहीं कर सके.

समन्वय की कमी

50 सालों में पटना नगर निगम क्षेत्र में मात्र 115 जलापूर्ति केंद्र थे. इन 50 सालों में शहर की आबादी बढ़ी. लेकिन जलापूर्ति की योजना नहीं बढ़ पाई. जब से हम लोग पटना नगर निगम की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं. तब से शहरवासियों को जलापूर्ति दे सकें, उसके लिए 95 जलमीनार का टेंडर निकाले हैं. जिनमें 8 जलमीनार का काम लगभग फाइनल स्टेज में है.

समन्वय की कमी

30 से 35 योजना अभी रन कर रही है. आने वाले दिनों में यह भी काम जल्द फाइनल होने वाला है. जलापूर्ति को लेकर अभी हम शहरवासियों से कोई टैक्स नहीं ले रहे हैं. जब तक हमारा कार्य पूरा नहीं होगा, तब तक हम जलापूर्ति को लेकर किसी भी तरह का लोगों पर टैक्स नहीं लादेंगे.

'नगर निगम लगातार सभी विभागों के साथ समन्वय बनाकर कार्यकर रहा है. आगे भी हम सभी के साथ मिलकर कार्य करते रहेंगे'- हिमांशु शर्मा,नगर आयुक्त, पीएमसी

हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त, पीएमसी

शहर वासियों के लिए है 'नमामि गंगे प्रोजेक्ट'
आपसी समन्वय को लेकर नगर आयुक्त ने कहा, हमारा अन्य विभागों से समन्वय अच्छा है. पिछले साल 2019 में अन्य विभागों से समन्वय नहीं बैठने के कारण शहर में काफी जलजमाव हुआ था. लेकिन 2020 में बारिश होने के बावजूद भी शहर में जलजमाव नहीं हुआ. इसका मुख्य कारण है कि हम लोग अन्य विभागों से अपना समन्वय स्थापित कर रहे हैं. अब एक अच्छी टीम बनाकर शहर में कार्य भी हो रहे हैं.

समन्वय की कमी

शहर की प्लानिंग को लेकर नगर निगम अन्य तरह की योजना तो चला रहा है. लेकिन आए दिन नमामि गंगे प्रोजेक्ट को लेकर बुडको लगातार कुछ क्षेत्रों में खुदाई कर दे रहा है. जिसको लेकर नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा बताते हैं कि बुडको के जो अभी चेयरमैन हैं, वे काफी एक्टिव हैं. नमामि गंगे के तहत जो सीवरेज का काम चल रहा है. वह शहरवासियों के लिए ही चल रहा है. उसका काम फाइनल स्टेज में है. बहुत जल्द काम पूरा हो जाएगा. बुडको से हमारा समन्वय स्थापित है. कार्य दोनों की सहमति से हो रहे हैं.

समन्वय की कमी

प्लानिंग में नजर आ रही हैं खामियां
पटना नगर निगम क्षेत्रों में हो रहे कार्यों को लेकर विभागों में आपसी समन्वय नहीं बैठने के कारण लगातार सवाल उठ रहे हैं. इस बारे में टाउन प्लानिंग एक्सपर्ट प्रोफेसर संजीव सिन्हा ने बताया कि काम तो अच्छा चल रहा है. लेकिन जो प्लानिंग इन विभागों के स्तर पर की जाती है. उसमें कुछ खामियां रहने की वजह से आए दिन सड़क पर गड्ढे ही दिखाई देते हैं. जिसकी वजह से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. अन्य विभागों की तरह से शहरी क्षेत्र में जो कार्य हो रहे हैं, उसे निगम की कई योजना पर भी असर पड़ता है.

समन्वय की कमी

समन्वय नहीं बैठने पर ही मेयर ने लिखा पत्र
आपसी तालमेल निगम का अन्य विभागों से है या नहीं. यह तो अन्य विभागों के कार्यों को देखकर पता लगता है. लेकिन यहां निगम में भी स्थानीय पार्षद और अधिकारियों के बीच समन्वय नहीं है. यही वजह है कि मेयर को अन्य विभागों के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिखना पड़ा.

'विभिन्न विभागों में सामवेश का अभाव है एक दूसरे से समन्वय नही हो पा रहा है जिससे क्रियान्वन होने में दिक्कत होती है'- संजीव सिन्हा, टाउन प्लानिंग विशेषज्ञ

समन्वय की कमी

अन्य विभाग भी अव्यवस्था के जिम्मेदार
यानी, शहर में जो भी अव्यवस्था दिखाई दे रही है वो नगर निगम की ही देन नहीं है, बल्कि अन्य विभाग भी उतने ही जिम्मेदार हैं. यहां-वहां निर्माण कार्य होने की वजह से शहरवासी परेशान हैं. यही कारण है कि PWD विभाग पहले सड़क बनता है. कुछ ही दिन बाद उसे खोदकर सीवरेज का काम शुरू हो जाता है. अगर विभागों में तालमेल होगा, काम शुरू करने से पहले दूसरे विभाग नगर निगम से NOC लेंगे, तो ऐसे हालात बनने से रोका जा सकता है. इससे फायदा ये भी होगा कि सरकारी खजाने की फिजूलखर्ची रुकेगी और शहरवासियों को परेशान भी नहीं होना पड़ेगा.

समन्वय की कमी
Last Updated : Jan 9, 2021, 5:24 PM IST

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