पटना : बिहार NDA में जातीय जनगणना(Cast Census In Bihar )को लेकर घमासान है, ऐसा कुछ दिन पहले तक दिख रहा था. लेकिन बीजेपी ने अपने समर्थन का कार्ड चलकर सियासत में कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है. इधर जेडीयू जातीय जनगणना के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुला रही है. लेकिन सवाल पूछा जा रहा है आरसीपी सिंह कहां हैं? (RCP Singh candidature issue in JDU) क्या वो केंद्र में मंत्री बने रहेंगे. प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार (Prime Minister Privilege) है कि 6 महीने तक उन्हें मंत्री की कुर्सी पर बैठाए रख सकते हैं. इसका इशारा खुद आरसीपी सिंह ने भी कर दिया है. यानी अभी खेल खत्म नहीं हुआ है. वॉर शुरू हुआ है, कोल्ड वॉर ! ठीक रूस और यूक्रेन की तर्ज पर?
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''ये प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, हम उनके पास जाएंगे और कहेंगे सर मेरे लिए क्या आदेश है..? वो मंत्री से कभी भी इस्तीफा मांग सकते हैं और हम भी कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं. नरेंद्र मोदी हमारे सर्वमान्य नेता हैं उनसे बात करेंगे सबलोग. हमें पार्टी ने अब तक कोई आदेश नहीं दिया है.''- आरसीपी सिंह, केंद्रीय मंत्री
अब क्या करेंगे आरसीपी? जेडीयू ने आरसीपी सिंह का पत्ता काटकर इस बार खीरू महतो को राज्यसभा का टिकट दिया है. जेडीयू के इस फैसले के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि क्या अब पार्टी को आरसीपी सिंह पर ज्यादा भरोसा नहीं रहा है. ऐसे में सवाल है कि आने वाले दिनों में आरसीपी सिंह किस भूमिका में नजर आएंगे. क्या केंद्रीय मंत्री बने रहेंगे? ये मसला उलझ गया है. लेकिन सीएम नीतीश ने इस मुद्दे को बहुत कुछ सुलझा लिया है.
ललन सिंह ने क्या कहा? : आरसीपी सिंह के बदले खीरू महतो को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि यह निर्णय दल के नेता सीएम नीतीश कुमार ने लिया है. पार्टी का निर्णय सभी को स्वीकार करना चाहिए. आरसीपी सिंह के केंद्र में मंत्री बनने से नाराजगी के सवाल को ललन सिंह ने सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कि हम कभी भी नाराज नहीं रहे. केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद आरसीपी सिंह जेडीयू के प्रतिनिधि थे. आरसीपी सिंह दो बार राज्यसभा भेजे जा चुके हैं, इस बार पार्टी ने पुराने कर्मठ कार्यकर्ता को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है.