पटना: कोरोना वायरस पर नियंत्रण को लेकर प्रदेश के सीएम नीतीश कुमार लगातार अधिकरियों के साथ बैठक कर रहें है. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में फंसे बिहार के मजदूरों के लिए नई दिल्ली के स्थानीय आयुक्त को कई अहम निर्देश दिए. सीएम ने अपने निर्देश में अधिकारियों से कहा कि बिहार में प्रवासी मजदूरों के लिए कई राहत कैंप चलाए जा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों को रहात पहुंचाने के लिए बिहार का सघन अनुसरण करे. उन्होंने कहा कि दिल्ली और अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों के लिए भोजन, आवास और अन्य चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो इस पर संबंधित अधिकारी अपनी पैनी नजर रखें. इसके लिए सभी राज्यों के लिए अलग-अलग एक नोडल ऑफिसर बनाएं.
CM नीतीश ने दिल्ली के स्थानीय आयुक्त को दिए निर्देश, मुफ्त में आवास और भोजन की व्यवस्था
लॉकडाउन के दौरान बिहार के बाहर फंसे लोगों के लिए सीएम नीतीश ने अहम कदम उठाते हुए दिल्ली के स्थानीय आयुक्त को कई अहम आदेश दिए. सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों के लिए मुफ्त भोजन, आवास और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करने के आदेश दिए.
'बिहार के लोगों के लिए मुफ्त भोजन, आवास और मेडिकल सुविधा'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नई दिल्ली स्थित स्थानीय आयुक्त को अन्य राज्यों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही बिहार के लोगों से फीडबैक प्राप्त करने के लिए भी कहा है. उन्होंने मुख्य सचिव और प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन विभाग को भी कई अहम आदेश दिए. सीएम ने अपने आदेश में कहा है कि लॉक डाउन के दौरान देश के अन्य प्रदेशों में फंसे बिहार के लोगों के संबंध में प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुए. यह सुनिश्चित करें कि उन्हें भोजन, आवास और मेडिकल सुविधा में किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं हो.
'बीमारी की गंभीरता को देखते रहे सचेत'
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना जैसे महामारी से निजात पाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह वायरस एक महामारी है. इस वायरस के सामने कई बड़े देश की मेडिकल सुविधाएं बेकार साबित हुई है. इस वजह से बिमारी की गंभीरता को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को सचेत रहना नितांत आवश्यक है. उन्होंने लोगों से सरकार और जिला प्रशासन के लिए नहीं बल्कि अपने और समाज के लिए लॉक डाउन का पालन करने की अपील की. सीएम ने बताया कि इस वायरस के लिए अभी तक कोई ठोस मेडिकल खोज नहीं हो पाई है. इसलिए इस रोग से खुद को बचाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाना जरूरी है. लोग अपने घर के अंदर रहें. अनावश्यक रूप से बाहर ना निकलें. उन्होंने कहा कि हमलोग एकसाथ मिलकर इस चुनौती से निपट लेंगे.