पटना : बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति और नई शिक्षक नियमावली को लेकर घमासान है. इसी के मद्देनजर सीएम नीतीश कुमार ने आज शाम को महागठबंधन नेताओं की एक महाबैठक बुलाई है. यह बैठक सीएम हाउस में शाम 4 बजे रखी गई है. हालांकि इस बैठक में शिक्षक शामिल नहीं होंगे. बता दें कि लालू यादव से शिक्षक संघ ने मुलाकात की थी. उसके बाद लालू यादव ने आश्वासन दिया था. इसके बाद ही नीतीश कुमार शिक्षकों से बातचीत के लिए राजी हुए थे.
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शिक्षकों की मांग पर होगी महा चर्चा: बता दें कि शिक्षक संघ ने मांग की है कि राज्य सरकार बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा शिक्षकों को दे, अल्टीमेटम देते हुए स्कूलों में पठन पाठन को ठप करने का भी निर्देश दिया गया है. चर्चा है कि इस मीटिंग में राजद, जेडीयू, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआईएम, सीपीआईएमएल को शामिल होने का निमंत्रण मिला है. इस बैठक में ये नेता नियोजित शिक्षकों की मांग पर अपना पक्ष रखेंगे.
ये है शिक्षकों का विरोध: नई शिक्षक नियमावली के मुताबिक वही शिक्षक राज्य कर्मी का दर्जा प्राप्त कर सकेगा जो आयोग की परीक्षा पास करके चुना जाएगा. लेकिन इस फैसले के खिलाफ 11 जुलाई को पटना में शिक्षकों ने विराट प्रदर्शन किया था. राज्य कर्मी का दर्जा के लिए किसी भी प्रकार के बीपीएससी परीक्षा का शिक्षक संघ ने पुरजोर विरोध किया है. इसके अतिरिक्त स्थानांतरण पॉलिसी को जल्द लागू करने की भी मांग शिक्षकों ने रखी है.
नीतीश क्यों हुए मजबूर?: बता दें कि शिक्षक नियमावली को लेकर वाम दल खासे नाराज चल रहे हैं. उन्होंने लगातार मांग की है कि नई शिक्षक नियमावली को हटाया जाय. इधर बीजेपी ने भी नई शिक्षक नियमावली और नियोजित शिक्षकों के पक्ष में विधानसभा का घेराव कर मुद्दे को गरमा दिया था. इनसब राजनीतिक घटनाक्रम के चलते नीतीश को इसपर विचार विमर्श करने के लिए अपने सहयोगी दलों को अपने आवास पर निमंत्रित किया है. देखना है कि इस बैठक में क्या कुछ फैसला निकलकर सामने आता है.